मंगलवार, 27 जून 2017

अनमोल वचन

अनमोल वचन व्यर्थ न करें :- एक गांव में सप्ताह के एक दिन प्रवचन का आयोजन होता था। इसकी व्यवस्था गांव के कुछ प्रबुद्ध लोगों ने करवाई थी ताकि भोले-भाले ग्रामीणों को धर्म का कुछ ज्ञान हो सके। इसके लिए एक दिन एक ज्ञानी पुरुष को बुलाया गया। गांव वाले समय से पहुंच गए। ज्ञानी पुरुष ने पूछा – क्या आपको मालूम है कि मैं क्या कहने जा रहा हूं? गांव वालों ने कहा – नहीं तो…। ज्ञानी पुरुष गुस्से में भरकर बोले – जब आपको पता ही नहीं कि मैं क्या कहने जा रहा हूं तो फिर क्या कहूं। वह नाराज होकर चले गए। गांव के सरपंच उनके पास दौड़े हुएपहुंचे और क्षमायाचना करके कहा कि गांव के लोग तो अनपढ़ हैं, वे क्या जानें कि क्या बोलना है। किसी तरह उन्होंने ज्ञानी पुरुष को फिर आने के लिए मना लिया। अगले दिन आकर उन्होंने फिर वही सवाल किया – क्या आपको पता है कि मैं क्या कहने जा रहा हूं? इस बार गांव वाले सतर्क थे। उन्होंने छूटते ही कहा – हां, हमें पता है कि आप क्या कहेंगे। ज्ञानी पुरुष भड़कगए। उन्होंने कहा -जब आपको पता ही है कि मैं क्या कहने वाला हूं तो इसका अर्थ हुआ कि आप सब मुझसे ज्यादा ज्ञानी हैं। फिर मेरी क्या आवश्यकता है? यह कहकर वह चल पड़े। गांव वाले दुविधा में पड़गए कि आखिर उस सज्जन से किस तरह पेश आएं, क्या कहें। उन्हें फिर समझा-बुझाकर लाया गया। इस बार जब उन्होंने वही सवाल किया तो गांव वाले उठकर जाने लगे। ज्ञानी पुरुष ने क्रोध में कहा – अरे,मैं कुछ कहने आया हूं तो आप लोग जा रहेहैं। इस पर कुछ गांव वालों ने हाथ जोड़कर कहा – देखिए,आप परम ज्ञानी हैं। हम गांव वाले मूढ़और अज्ञानी हैं। हमें आपकी बातें समझ में नहीं आतीं। कृपया अपने अनमोल वचन हम पर व्यर्थ न करें। ज्ञानी पुरुष अकेले खड़े रह गए। उनका घमंड चूरचूर हो गया|

माँ

मेरी तो पूरी दुनिया ही तुमसे है – माँ मेरी माँ की सिर्फ एक ही आँख थी और इसीलिए मैं उनसे बेहद नफ़रत करता था | वो फुटपाथ पर एक छोटी सी दुकान चलाती थी | उनके साथ होने पर मुझे शर्मिन्दगी महसूस होती थी | एक बार वो मेरे स्कूल आई और मै फिर से बहुत शर्मिंदा हुआ | वो मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है ? अगले दिन स्कूल में सबने मेरा बहुत मजाक उड़ाया | मैं चाहता था मेरी माँ इस दुनिया से गायब हो जाये | मैंने उनसे कहा, ‘माँ तुम्हारी दूसरी आँख क्यों नहीं है? तुम्हारी वजह से हर कोई मेरा मजाक उड़ाता है | तुम मर क्यों नहीं जाती ?’ माँ ने कुछ नहीं कहा | पर, मैंने उसी पल तय कर लिया कि बड़ा होकर सफल आदमी बनूँगा ताकि मुझे अपनी एक आँख वाली माँ और इस गरीबी से छुटकारा मिल जाये | उसके बाद मैंने म्हणत से पढाई की | माँ को छोड़कर बड़े शहर आ गया | यूनिविर्सिटी की डिग्री ली| शादी की | अपना घर ख़रीदा | बच्चे हुए | और मै सफल व्यक्ति बन गया | मुझे अपना नया जीवन इसलिए भी पसंद था क्योंकि यहाँ माँ से जुडी कोई भी याद नहीं थी | मेरी खुशियाँ दिन-ब-दिन बड़ी हो रही थी, तभी अचानक मैंने कुछ ऐसा देखा जिसकी कल्पना भी नहीं की थी | सामने मेरी माँ खड़ी थी, आज भी अपनी एक आँख के साथ | मुझे लगा मेरी कि मेरी पूरी दुनिया फिर से बिखर रही है | मैंने उनसे पूछा, ‘आप कौन हो? मै आपको नहीं जानता | यहाँ आने कि हिम्मत कैसे हुई? तुरंत मेरे घर से बाहर निकल जाओ |’ और माँ ने जवाब दिया, ‘माफ़ करना, लगता है गलत पते पर आ गयी हूँ |’ वो चली गयी और मै यह सोचकर खुश हो गया कि उन्होंने मुझे पहचाना नहीं | एक दिन स्कूल री-यूनियन की चिट्ठी मेरे घर पहुची और मैं अपने पुराने शहर पहुँच गया | पता नहीं मन में क्या आया कि मैं अपने पुराने घर चला गया | वहां माँ जमीन मर मृत पड़ी थी | मेरे आँख से एक बूँद आंसू तक नहीं गिरा | उनके हाथ में एक कागज़ का टुकड़ा था… वो मेरे नाम उनकी पहली और आखिरी चिट्ठी थी | उन्होंने लिखा था : मेरे बेटे… मुझे लगता है मैंने अपनी जिंदगी जी ली है | मै अब तुम्हारे घर कभी नहीं आउंगी… पर क्या यह आशा करना कि तुम कभी-कभार मुझसे मिलने आ जाओ… गलत है ? मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है | मुझे माफ़ करना कि मेरी एक आँख कि वजह से तुम्हे पूरी जिंदगी शर्मिन्दगी झेलनी पड़ी | जब तुम छोटे थे, तो एक दुर्घटना में तुम्हारी एक आँख चली गयी थी | एक माँ के रूप में मैं यह नहीं देख सकती थी कि तुम एक आँख के साथ बड़े हो, इसीलिए मैंने अपनी एक आँख तुम्हे दे दी | मुझे इस बात का गर्व था कि मेरा बेटा मेरी उस आँख कि मदद से पूरी दुनिया के नए आयाम देख पा रहा है | मेरी तो पूरी दुनिया ही तुमसे है | चिट्ठी पढ़ कर मेरी दुनिया बिखर गयी | और मैं उसके लिए पह

सच्चा हिरा

* सच्चा हिरा * सायंकाल का समय था | सभी पक्षी अपने अपने घोसले में जा रहे थे | तभी गाव कि चार ओरते कुए पर पानी भरने आई और अपना अपना मटका भरकर बतयाने बैठ गई | इस पर पहली ओरत बोली अरे ! भगवान मेरे जैसा लड़का सबको दे | उसका कंठ इतना सुरीला हें कि सब उसकी आवाज सुनकर मुग्ध हो जाते हें | इसपर दूसरी ओरत बोली कि मेरा लड़का इतना बलवान हें कि सब उसे आज के युग का भीम कहते हें | इस पर तीसरी ओरत कहाँ चुप रहती वह बोली अरे ! मेरा लड़का एक बार जो पढ़ लेता हें वह उसको उसी समय कंठस्थ हो जाता हें | यह सब बात सुनकर चोथी ओरत कुछ नहीं बोली तो इतने में दूसरी ओरत ने कहाँ “ अरे ! बहन आपका भी तो एक लड़का हें ना आप उसके बारे में कुछ नहीं बोलना चाहती हो” | इस पर से उसने कहाँ मै क्या कहू वह ना तो बलवान हें और ना ही अच्छा गाता हें | यह सुनकर चारो स्त्रियों ने मटके उठाए और अपने गाव कि और चल दी | तभी कानो में कुछ सुरीला सा स्वर सुनाई दिया | पहली स्त्री ने कहाँ “देखा ! मेरा पुत्र आ रहा हें | वह कितना सुरीला गान गा रहा हें |” पर उसने अपनी माँ को नही देखा और उनके सामने से निकल गया | अब दूर जाने पर एक बलवान लड़का वहाँ से गुजरा उस पर दूसरी ओरत ने कहाँ | “देखो ! मेरा बलिष्ट पुत्र आ रहा हें |” पर उसने भी अपनी माँ को नही देखा और सामने से निकल गया | तभी दूर जाकर मंत्रो कि ध्वनि उनके कानो में पड़ी तभी तीसरी ओरत ने कहाँ “देखो ! मेरा बुद्धिमान पुत्र आ रहा हें |” पर वह भी श्लोक कहते हुए वहाँ से उन दोनों कि भाति निकल गया | तभी वहाँ से एक और लड़का निकला वह उस चोथी स्त्री का पूत्र था | वह अपनी माता के पास आया और माता के सर पर से पानी का घड़ा ले लिया और गाव कि और निकल पढ़ा | यह देख तीनों स्त्रीयां चकित रह गई | मानो उनको साप सुंघ गया हो | वे तीनों उसको आश्चर्य से देखने लगी तभी वहाँ पर बैठी एक वृद्ध महिला ने कहाँ “देखो इसको कहते हें सच्चा हिरा” “ सबसे पहला और सबसे बड़ा ज्ञान संस्कार का होता हें जो किसे और से नहीं बल्कि स्वयं हमारे माता-पिता से प्राप्त होता हें | फिर भले ही हमारे माता-पिता शिक्षित हो या ना हो यह ज्ञान उनके अलावा दुनिया का कोई भी व्यक्ति नहीं दे सकता हें

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Dream11 points details

Type of Points

T20

ODI

Test

For being part of the Starting XI

2

2

2

For every run scored

0.5

0.5

0.5

Wicket (excluding run-out)

10

12

8

Catch

4

4

4

Caught & Bowled

14

16

12

Stumping / Run-out (direct)

6

6

6

Run-out (thrower/catcher)

4/2

4/2

4/2

Dismissal for duck (batsmen, wicket-keeper and all-rounders)

-2

-3

-4

Bonus Point

Type of Points

T20

ODI

Test

Every boundary hit

0.5

0.5

0.5

Every six hit

1

1

1

Half century

4

2

2

Century

8

4

4

Maiden over

4

2

NA

4 wickets

4

2

2

5 wickets

8

4

4

Economy Rate

Type of Points

T20

ODI

Test

Applicable for players bowling minimum overs

2 overs

5 overs

NA

Between 6 and 5 runs per over

1

 

NA

Between 4.99 and 4 runs per over

2

 

NA

Below 4 runs per over

3

 

NA

Between 9 and 10 runs per over

-1

 

NA

Between 10.1 and 11 runs per over

-2

 

NA

Above 11 runs per over

-3

 

NA

Between 4.5 and 3.5 runs per over

 

1

NA

Between 3.49 and 2.5 runs per over

 

2

NA

Below 2.5 runs per over

 

3

NA

Between 7 and 8 runs per over

 

-1

NA

Between 8.1 and 9 runs per over

 

-2

NA

Above 9 runs per over

 

-3

NA

Strike Rate (Except Bowlers)

Type of Points

T20

ODI

Test (per innings)

Applicable for players batting minimum balls

10 balls

20 balls

NA

Between 60 and 70 runs per 100 balls

-1

 

NA

Between 50 and 59.9 runs per 100 balls

-2

 

NA

Below 50 runs per 100 balls

-3

 

NA

Between 50 and 60 runs per 100 balls

 

-1

NA

Between 40 and 49.9 runs per 100 balls

 

-2

NA

Below 40 runs per 100 balls

 

-3

NA

* The cricketer you choose to be your Fantasy Cricket Team’s Captain will receive 2 times the points

* The Vice-Captain will receive 1.5 times the points for his performance

* Strike rate scoring is applicable only for strike rate below 70 runs per 100 balls

* Substitutes on the field will not be awarded point for any contribution they make

* In case of any transfer of a real-life player in the intervening period between scheduled updates, such transfer shall not be reflected in the roster of players until the next scheduled update. Please note that while the transferred player will be available for selection in the transferred team's roster of players in a Contest during the intervening period, no points will be attributed to such transferred player in the course of such contest.

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लड़कियों के पीरियड्स आने की मुख्य वजह जिसे आप शायद ही जानते हों 27 Jun. 2017 Cyapaking Followers 4482 Follow हेल्लो दोस्तों आपका हमारे चैनल में स्वागत है आज हम आपको बताने जा रहे है लड़कियों के पीरियड्स आने की मुख्य वजह जिसे आप शायद जानते हों। क्या है मासिक धर्म ? हमारे समाज में कई लोगो को यह जानने की खासी उत्सुकता रहती है की लड़कियों में मासिक धर्म कब और कैसे शुरू होता है । आज हम माहवारी से जुड़े ऐशे कई अनसुलझे सवालो के जवाब बताने जा रहे हैं जिनके बारे में आपको पहले से नहीं पता होगा ।Menstruation Cycle महिलाओ में होने वाली सामान्य शारीरिक गतिविधि है । महिलाओं को भी माहवारी के दौरान खुद अपने शरीर को समझने में परेशानी आती है । जब कोई लड़की पैदा होती है, तो उसके अण्‍डाशयों में पहले से लाखों अपरिपक्‍व अण्‍डाणु मौजूद होते हैं। जवान होने पर, उनमें से दसियों अण्‍डे महीने में एक बार हार्मोन उत्तेजित (हार्मोनल स्टिमुलेशन) होने की वजह से विकसित होने शुरू हो जाते है । महिलाओं के शरीर में चक्रीय (साइक्लिकल) हार्मोस में होने वाले बदलावों की वज़ह से गर्भाशय से नियमित तौर पर ख़ून और अंदरुनी हिस्से से स्राव होना मासिकधर्म (अथवा माहवारी) कहलाता है । आमतौर पर, प्रत्‍येक चक्र के दौरान अण्‍डाशय में केवल एक ही अण्‍डा परिपक्‍व होता है और गर्भाशय में छोड़ा जाता है (जिसे अण्‍डोत्‍सर्ग कहा जाता है) उसी समय, गर्भावस्‍था की तैयारी में गर्भाशय का भीतरी हिस्सा मोटा होना शुरू हो जाता है। यदि यह अण्‍डाणु निषेचित नहीं होता, तो यह गर्भाशय के भीतरी हिस्से के अतिरिक्‍त ऊतकों के साथ माहवारी ख़ून के रूप में योनि से निकलना शुरू हो जाता है। इसके बाद अगला माहवारी चक्र फिर से शुरू हो जाता है । मासिक धर्म कब शुरू और कब ख़त्म होता है माहवारी शुरू होने और बंद होने का कोई निश्चित उम्र शीमा नहीं है । यह स्त्री विशेष में क्षेत्रीय वातावरण और रहन सहन के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। अमूमन माहवारी के शुरू होने की जो सामान्य समय शीमा है वह 11-12 वर्ष है। अधिकतर महिलाओं की प्राकृतिक रज्‍जोनिवृत्ति यानि की माहवारी बंद 45-55 वर्ष की आयु में हो जाती है। इस आयु में, माहवारी आना हमेशा के लिए बंद हो जाती है (रज्‍जोनिवृत्ति हो जाती है) और इसके बाद महिलाएं बच्‍चे पैदा करने में सक्षम नहीं रहती।