उत्तर प्रदेश की कल्याणकारी योजना
CONTENTS
भूमिका
समाज कल्याण विभाग की योजनायें
समाजवादी पेंशन योजना
शादी एवं बीमारी हेतु अनुदान
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना
अनुसूचित जाति/जनजाति व पिछड़े वर्ग का कल्याण कार्यक्रम
दशमोत्तर कक्षाओं की छात्रवृत्ति (अनुसूचित जाति एवं सामान्य वर्ग)
अनुसूचित जाति / जनजाति के छात्रों को मेरिट उच्चीकृत किये जाने की केन्द्र पुरोनिधानित योजना
प्राविधिक शिक्षा सम्बन्धी सुविधायें
आई.ए.एस./ पी.सी.एस. तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु कोचिंग योजना
आश्रम पद्धति से विद्यालय संचालन
अनुसूचित जाति के छात्र/ छात्राओं हेतु छात्रावास संचालन
भूमिका
छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति योजना, अनुसूचित जातियों/जनजतियों के लिये बुक बैंक योजना, शुल्क प्रतिपूर्ति योजना, अनावर्ती सहायता योजना, प्राविधिक शिक्षा संबंधी सुविधायें, केन्द्रीय पुरोनिधानित योजना के अन्तर्गत अस्वच्छ पेंशा में लगे व्यक्तियों के विशेष छात्रवृत्ति योजना समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के कल्याण सेक्टर के अन्तर्गत अनुसूचित जातियों/विमुक्त जातियों के कल्याण हेतु विभिन्न कल्याणकारी योजनायें चलायी जा रही है जिन्हें मुख्यत: शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक एवं अन्य योजनाओं के अन्तर्गत वर्गीकृत किया गया है।
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में अनुसूचित जातियों/ जनजातियों एवं विमुक्त जातियों कीं छात्रवृत्ति योजना, सामान्य वर्ग के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले, स्वैच्छिक संगठनों द्वारा शिक्षा संबंधी कार्य तथा उन्हें दी जाने वाली आर्थिक सहायता से संबंधित योजना, राजकीय उन्नयन बस्तियों के रख-रखाव से संबंधित योजना, अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम-१९८९ के क्रियान्वयन से संबंधित योजना, आश्रम पद्धति विद्यालयों एवं छात्रावासों का संचालन, अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को शादी/बीमारी अनुदान दिये जाने की योजना सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त स्पेशल कम्पोनेंट प्लान के अन्तर्गत अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा स्वत: रोजगार योजना, सेनिटरी मार्ट योजना, दुकान निर्माण योजना, कौशल वृद्ध प्रशिक्षण की योजना तथा निशुल्क बोरिंग की योजना संचालित की जा रही है।
समाज कल्याण विभाग के द्वारा मंत्री विवेकाधीन कोष से अनुदान स्वीकृत किया जाता है। इसके अन्तर्गत रू० ३५,०००.०० की व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त अशक्त एवं वृद्ध गृहों, राजकीय भिक्षुक गृहों का संचालन, राजकीय भिक्षुग गृहों का संचालन किया जा रहा है तथा अनुसूचित जातियों के कल्याणार्थ कार्य करने वाले विभिन्न स्वैच्छिक संगठनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अन्तर्गत राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को कुछ सुविधायें अनुमन्य की गयी है।
समाज कल्याण विभाग की योजनायेंसमाजवादी पेंशन योजना
भारत वर्ष में पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा एवं साक्षरता को समन्वित करते हुए समाज के निर्बल एवं गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना का संचालन वर्ष 2014-15 से किया जा रहा है।
योजना के मुख्य आकर्षण
न्यूनतम पेंशन रु. 500/- प्रतिमाह, शिक्षा, स्वास्थ्य परीक्षण से सम्बन्धित मानको के अनुपालन की दशा में पेंशन वृद्धि रू. 50/- प्रतिवर्ष एवं अधिकतम पेंशन सीमा रु. 750/- प्रतिमाह
योजनान्तर्गत प्रदेश के 40 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है, जिसमें अनुसूचित जाति / जनजाति के 12 लाख लाभार्थी, अल्पसंख्यक वर्ग के 10 लाख लाभार्थी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के 18 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जायेगा।
योग्यता
यदि पूर्व से विधवा, विकलांग अथवा वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत लाभान्वित हो रहा हो।
प्रदेश शासन द्वारा संचालित योजनान्तर्गत बेरोजगारी भत्ता प्राप्त कर रहा हो।
परिवार में 0.5 हेक्टेयर सिंचित अथवा 1.0 हेक्टेयर सिंचित एवं 2.0 हेक्टेयर असिंचित भूमि उपलब्ध हो। बुन्देलखण्ड क्षेत्र, मिर्जापुर एवं सोनभद्र में यह सीमा क्रमश: 1.0 हेक्टेयर सिंचित एवं 2.0 हेक्टेयर असिंचित भूमि होगी।
परिवार में किसी भी प्रकार का मोटराइज्ड वाहन / मशीनीकृत कृषि उपकरण जैसे जीप, कार, थ्री-व्हीलर, स्कूटर, मोटर साइकिल, ट्रेक्टर, पावर टीलर, थ्रेशर या हारवेस्टर हो।
कोई सदस्य सरकारी / गैर सरकारी / एन0जी0ओ0 / निजी संगठनों में नियमित वेतन भोगी कर्मचारी हो।
कोई भी सदस्य आयकर दाता हो।
कोई भी सदस्य शासकीय / अर्द्धशासकीय सेवाओं से सेवानिवृत्त हुए हों और जिन्हें पेंशन की सुविधा प्राप्त हो रही हो।
शहरी क्षेत्र में परिवार के स्वामित्व में 25 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया से अधिक का पक्का आवास हो।
योजना में वरीयता क्रम का निर्धारण
जो "रानी लक्ष्मी बाई पेंशन योजना" के अन्तर्गत पेंशन प्राप्त कर रहे हों एवं समाजवादी पेंशन योजना के लिए अनर्ह न हों।
जो भूमिहीन हो।
जो "हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013" के अन्तर्गत चिन्हित स्वच्छकार हो।
जो दैनिक मजदूरी / खोमचा या फेरी वाला हो।
जिसकी मुखिया एकल महिला (विधवा / तलाकशुदा) हो ।
जिसमें विकलांग व्यक्ति मुखिया हो तथा विकलांगता कम से कम 40 प्रतिशत हो।
ऐसे विकलांग बच्चे जिनकी आयु 18 से कम हो और उनके माता-पिता समाजवादी पेंशन प्राप्त करने के मानक पूर्ण कर रहे हो।
जिनके पास स्वयं का आवास न हो।
अन्य पात्र अभ्यर्थी।
वृद्धावस्था / किसान पेंशन योजना
राज्य सरकार द्वारा 60 वर्ष या उससे ऊपर गरीबी रेखा से नीचेीवन यापन करने वाले वृद्धों को रु. 300/- प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। इसमें रु. 100/- राज्यांश तथा रु. 200/- केन्द्रांश सम्मिलित है। भारत सरकार द्वारा 01 अप्रैल, 2011 से 80 वर्ष या उससे ऊपर के वृद्धजनों को रु. 500/- प्रतिमाह (केन्द्रांश) पेंशन प्रदान की जाती है। पेंशन स्वीकृत किये जाने हेतु लाभार्थी का नाम बी0पी0एल0 सूची 2002 में सम्मिलित होना आवश्यक है। पेंशनरों को पेंशन का भुगतान दो छमाही किश्तों में राष्ट्रीकृत बैंको अथवा बैंक एक्ट-1976 के अन्तर्गत संचालित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको में खुले खातों के माध्यम से किया जाता है। वर्तमान में 3854824 वृद्धजनों को पेंशन उपलब्ध करायी जा रही है।
शादी एवं बीमारी हेतु अनुदान
यह योजना अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के पुत्रियों की शादी एवं उनके परिजनों की बीमारी के इलाज हेतु विभाग द्वारा संचालित है। इस योजना के अन्तर्गत शासनादेश संख्या-1452/26-3-2005-4(188)/93 दिनांक 23 जून 2005 द्वारा पात्रता हेतु शहरी क्षेत्र में अधिकतम रु. 25546/- तथा ग्रामीण क्षेत्र में रु. 19884/- की वार्षिक आय सीमा निर्धारित की गयी है। अनुसूचित जाति की पुत्रियों की शादी हेतु रु. 10000/- तथा उनके परिजनों के इलाज हेतु रु. 5000/- की आर्थिक सहायता दी जाती है। अनुसूचित जाति की पुत्रियों की शादी योजना में बुन्देलखण्ड डिवीजन में रु. 20,000/- की धनराशि अनुमान्य है।
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना
इस योजना में गरीबी की रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार के मुख्य जीविकोपार्जन करने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर रु. 30,000/- की एक मुश्त सहायता दिये जाने की व्यवस्था है। आवेदक की आयु सीमा 18 वर्ष सं अधिक एवं 60 वर्ष से कम हो। योजना में पूर्व में निर्धारित रु. 20,000/- की आर्थिक सहायता को बढ़ा कर दिनांक 3 सितम्बर, 2013 से रू० 30,000/- कर दिया गया है।
अत्याचार उत्पीड़न की दशा में आर्थिक सहायता
अनुसूचित जाति / जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम-1989) तथा पी0सी0आर0एक्ट 1955 के अन्तर्गत अनुसूचित जाति / जनजाति के व्यक्ति जो गैर अनुसूचित जाति / गैर अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों द्वारा किये गये अत्याचार उत्पीड़न से प्रभावित होते हैं, को अनुसूचित जाति / जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम-1989) के आधीन भारत के असाधारण राज पत्र दिनांक 31 मार्च, 1995 के भाग-2 खण्ड-3 में प्रख्यापित "अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियमावली 1995 के आधार पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें 50 प्रतिशत केन्द्रांश तथा 50 प्रतिशत राज्यांश होता है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अर्धशासकीय पत्र संख्या-11012/2/2008-पी0सी0आर0(डेस्क) दिनांक 20 जनवरी, 2012 द्वारा पूर्व में लागू सहायता की दरों में वृद्धि कर दी गयी है। राज्य सकरार द्वारा 14 मई, 2012 को इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए बढ़ी हुई दरों के अनुसार भुगतान करने के निर्देश समस्त जिलाधिकारियों को जारी किये जा चुके हैं।
जनपद स्तर पर जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा संबंधित जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक से अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 एवं पी0सी0आर0 एक्ट 1955 के अन्तर्गत दर्ज अपराधों का विवरण एवं उत्पीड़न से प्रभावित अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के परिवारों का विवरण नियमित रूप से प्राप्त करके जिलाधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जाता है। बजट की अनुपलब्धता की स्थिति में सहायता राशि का भुगतान संबंधित जिलाधिकारी द्वारा टी0आर0- 27 के अन्तर्गत धनराशि आहरित करके किया जाता है।
राज्य सरकार अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लोगों के प्रति अस्पृश्यता की भावना समाप्त करने के लिए कृत संकल्प है तथा उसकी कोशिश है कि इस वर्ग के लोगों के प्रति कोई अत्याचार अथवा उनका उत्पीड़न न हो।
अनुसूचित जाति/जनजाति व पिछड़े वर्ग का कल्याण कार्यक्रम
प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के अनुसूचित जाति के छात्रो को शिक्षा के प्रति अभिप्रेरित करने एवं उन्हें समाज मे प्रतिष्ठापरक स्थान दिलाने के उद्देश्य से इन वर्गो के बालक / बालिकाओं को प्रत्येक स्तर पर छात्रव्रत्ति दिये जाने की योजना संचालित की जा रही हैं।
अनुसूचित जाति पूर्वदशम छात्रव़त्ति योजना
अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों के सम्बन्ध में शासनादेश संख्या 4158/26-3-95-4(215)/90 दिनांक 21.03.1995 द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार कक्षा 1-8 तक समस्त अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को छात्रव़त्ति प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गयी है। कक्षा 9 व 10 के छात्रों को जिनके माता/पिता अभिभावको की वार्षिक आय रु. 2.00 लाख तक है, उन्हे छात्रव़त्ति दिये जाने की व्यवस्था है। पूर्वदशम् छात्रव़त्ति योजना के अन्तर्गत कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को छात्रव़त्ति का भुगतान ग्राम शिक्षा निधि में खुले खाते के माध्यम से वर्ष में एक बार नगद किया जाता है। कक्षा 9 व 10 के छात्रों को छात्रव़त्ति का भुगतान बैंक में खुले छात्रों के खातों में एक मुश्त किया जाता है। कक्षा 1 से 5 तक रु. 25/- प्रतिमाह, कक्षा 6 से 8 तक रु. 40/- प्रतिमाह तथा कक्षा 9 व 10 रु. 150/- प्रतिमाह की दर से छात्रों हेतु 10 माह की तथा 350/- प्रतिमाह छात्रावासीय छात्र है। कक्षा 9-10 अनुसूचित जाति छात्रव़त्ति योजना वित्तीय वर्ष 2012-13 से केन्द्र पुरोनिधानित कर दी गई है। छात्रों का भुगतान समय से करने के लिये सरकार क़त संकल्प है, जिससे प्राथमिक स्तर पर छात्रों का ड्राप-आउट कम किया जा सके और अधिक से अधिक बच्चे स्कूल में शिक्षा हेतु आ सके।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सामान्य वर्ग के समस्त शासकीय शासन से सहायता प्राप्त तथा शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत सामान्य वर्ग के क्षा 1 से 10 तक के छात्रों को छात्रव़त्ति दी जाती हैं कक्षा 1 से 5 तक रु. 25/- प्रतिमाह, कक्षा 6 से 8 तक रु. 40/- प्रतिमाह तथा कक्षा 9 व 10 में रु. 60/- प्रतिमाह दर निर्धारित है। कक्षा 1-8 तक की छात्रव़त्ति नगद तथा कक्षा 9 व 10 की छात्रव़त्ति छात्रों के बैंक खातों में पूरे वर्ष की एक मुश्त अन्तरित की जाती है।
दशमोत्तर कक्षाओं की छात्रवृत्ति (अनुसूचित जाति एवं सामान्य वर्ग)
अनुसूचित जाति के उन समस्त छात्र / छात्राओं को दशमोत्तर कक्षाओं में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की जाती है जिनके माता/पिता की वार्षिक आय समस्त स्त्रोतों से रु.2.00 लाख से अधिक नहीं है। यह छात्रवृत्ति भारत सरकार द्धारा निर्धारित दरों पर निम्नवत् उपलब्ध करायी जाती है।
समूह
पाठ्यक्रम
डे स्कालर
हास्टलर
I
डिग्री व मास्टर डिग्री स्तर के पाठ्यक्रम एम0फिल0-पी0एच0डी0 समस्त चिकित्सा पद्धति के पाठ्यक्रम, प्रौद्योगिकी, इंजीनिरिंग, प्लानिंग आर्किटेक्चर, डिजाइन, फैशन टेक्नालोजी, कृषि, पशुचिकित्सा, एलाइड साइंस, व्यवसाय वित्त, मैनेजमेंट, प्रशासन, कम्प्यूटर साइंस आदि पाठ्यक्रम, सी0पी0एल0 पाठ्यक्रम, मैनेजमेंट चिकित्सा के परास्नातक स्तरीय डिप्लामा पाठ्यक्रम, सी0ए0, आई0सी0डब्लू0ए0, सी0एस0, आई0सी0एफ0ए0, एल0एल0एम0, डी0लिट0, डी0एस0सी आदि
550
1200
II
स्नातक / परास्नातक स्तरीय डिग्री , डिप्लोमा, सार्टिफिकेट पाठ्यक्रम यथा फार्मेसी, नर्सिंग एल0एल0बी0, बी0एफ0एस0, पेरामेंडिकल यथा-पुनर्वास, निदान आदि मास कम्यूनिकेशन, होटल मैनेजमेंट, इंटीरियर डेकोरेशन, न्यूट्रेशन एण्ड डाइटेटिक्स , कामर्शियल आर्ट, टूरिज्म हास्पिटैलिटी, फाइनैन्शियल सर्विसज (ई0जी0बैंकिग इंश्योरेंस, टैक्सटायेनेटिक) जिसमें न्यूनतम प्रवेश योग्यता इण्टरमीडिएट अथवा समकक्ष हो तथा परास्नातक पाठ्यक्रम जो समूह-1 में सम्मिलित न हो। यथा-एम0ए0/एम0एस0सी0/एम0कॉम/एम0एड0/एम0फार्मा आदि।
530
820
III
समस्त स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम जो समूह- I व II में सम्मिलित न हो, यथा बी.ए., बी.एसी.सी. एवं बी.कॉम आदि।
300
570
IV
समस्त नान डिग्री स्तरीय कोर्स, जिनमे न्यूनतम प्रवेश योग्यता हाईस्कूल हो, आई0टी0आई0 तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स (पॉलीटेक्निक) आदि।
230
380
वर्ष 2012-13 में उक्त योजना के लिए जारी की गयी नियमावली में शैक्षणिक संस्थाओं में छात्र / छात्राओं के नि:शुल्क प्रवेश की व्यवस्था की गयी है। छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान छात्रों के खाते में किया जायेगा। छात्र द्वारा शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि प्राप्त होने के 15 दिन के अन्दर संस्था को उपल्बध करा दी जायेगी, जिसके लिए प्रवेश के समय ही संस्था एवं छात्रों के मध्य अनुबन्ध कराने की व्यवस्था है।
अनुसूचित जाति / जनजाति के छात्रों को मेरिट उच्चीकृत किये जाने की केन्द्र पुरोनिधानित योजना
अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों को रेमिडियल कोचिंग प्रदान करके उनके शैक्षिक अवरोधों को दूर करने के उद्देश्य से यह योजना प्रदेश के 6 जनपदों इलाहाबाद, लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, आगरा, मुरादाबाद के राजकीय इण्टर कालेजों में वर्ष 1988-89 में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित हैं। विभाग को शत-प्रतिशत भारत सरकार द्वारा सहायता दी जाती है। इसके अन्तर्गत प्रति छात्र 8000/- रूपया वार्षिक तथा प्रत्येक विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं 4 अध्यापकों को शिक्षण हेतु 7000/- रु. वार्षिक दिये जाने का प्राविधान है। वित्तीय वर्ष 2010-11 में रु. 45.45 लाख का प्राविधान था। वित्तीय वर्ष 2011-12 में रु. 70.50 लाख धनराशि की व्यवस्था थी।
प्राविधिक शिक्षा सम्बन्धी सुविधायें
अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़े वर्गो के नवयुवकों को तकनीकी ज्ञान कराने हेतु विभाग द्वारा निम्न औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र एवं एक पॉलीटेक्निक संचालित है।
गोविन्द वल्लभ पन्त पॉलीटेक्निक, मोहान रोड, लखनऊ।
औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र, बक्शी का तालाब, लखनऊ।
औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र, लाल डिग्गी पार्क, गोरखपुर।
उपरोक्त केन्द्र राष्ट्रीय व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त है। प्रशिक्षण की अवधि व्यवसाय के अनुसार अलग-अलग है।
आई.ए.एस./ पी.सी.एस. तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु कोचिंग योजना
अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं को आई.ए.एस./पी.सी.एस. तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु 07 कोचिंग केन्द्र संचालित हैं, जिनकी स्वीकृत क्षमता 1300 के सापेक्ष 1072 प्रशिक्षणार्थी प्रवेशित है। इन कोचिंग केन्द्रों में वर्ष में 5-5 माह के दो सत्र चलाये जाते हैं। इन कोचिंग केन्द्रों में प्रवेशित छात्र/छात्राओं को नि:शुल्क कोचिंग, भोजन, आवास तथा लाइब्रेरी की सुविधा प्रदान की जाती है।
इन कोचिंग केन्द्रों में प्रतिष्ठित संस्थानों, विश्वविद्यालयों तथा कोचिंग केन्द्रों से अतिथि व्याख्याता को लेक्चर हेतु मानदेय आधार पर आमंत्रित कर छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। वर्तमान समय में प्रदेश के अन्तर्गत कुल 7 कोचिंग केन्द्र संचालित हैं:-
श्री छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, लखनऊ
डा. अम्बेडकर आई.ए.एस./पी.सी.एस.कोचिंग केन्द्र आगरा
आई.ए.एस./पी.सी.एस. कोचिंग केन्द्र,हापुड़, गाजियाबाद
डा.अम्बेडकर आई.ए.एस./पी.सी.एस.कोचिंग केन्द्र अलीगढ़
सन्त रविदास आई.ए.एस./पी.सी.एस.कोचिंग केन्द्र वाराणसी
आदर्श पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र अलीगंज लखनऊ
पी.सी.एस. (जे.) कोचिंग सेन्टर इलाहाबाद
आश्रम पद्धति से विद्यालय संचालन
कक्षा 1 से 12 तक (प्रत्येक कक्षा में 40 छात्र) अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति, स्वच्छकार, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क शिक्षा, आवास, भोजन, वस्त्र, स्टेशनरी एवं खेलकूद की सुविधा प्रदान की जाती है। शासन द्वारा 90 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय स्वीकृत हैं जिसमें 76 विद्यालय संचालित हैं और 14 निर्माणाधीन हैं। इस योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा सामान्य वर्ग के क्रमश: 60, 25, 15 प्रतिशत गरीब बच्चों को प्रवेश परीक्षा में मेरिट के आधार पर प्रवेश दिये जाने का प्रावधान है। संचालित 76 विद्यालयों की कुल स्वीकृत प्रवेश क्षमता 36480 छात्र/छात्राओं की है।
इसके अतिरिक्त स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से 3 विद्यालय भी संचालित हैं, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा शत-प्रतिशत वित्तीय अनुदान प्रदान किया जाता है। इन विद्यालयों में प्रति छात्र रु. 1200/- प्रतिमाह की दर से भोजन पर व्यय किया जाता है। लेखन सामग्री के रूप में प्रतिवर्ष प्रति छात्र रु. 100/-, सूती वस्त्र पर रु. 850/-, गर्म वस्त्र पर रु. 1500/- तथा कक्षा 9-12 तक पाठ्य पुस्तक हेतु रु. 1000/- वार्षिक निर्धारित है।
अनुसूचित जाति के छात्र/ छात्राओं हेतु छात्रावास संचालन
अनुसूचित जाति के ऐसे छात्र/छात्राओं को जो अपने घरों से दूर रहकर शिक्षा ग्रहण करते हैं, आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से समाज कल्याण विभाग द्वारा छात्रावासों का निर्माण उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निर्माण निगम के माध्यम से नि:शुल्क उपलब्ध करायी गयी भूमि पर कराया गया है। अब तक कुल 252 छात्रावासों का निर्माण कराया जा चुका है एवं 10 छात्रावास निर्माणाधीन हैं। इनमें से 225 छात्रावास संचालित है तथा 27 छात्रावासों के पद सृजन आदि की कार्यवाही करायी जा रही है। बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजनान्तर्गत भार सरकार द्वारा बालकों के छात्रावासों के निर्माण हेतु 50 प्रतिशत तथा बालिकाओं के छात्रावास निर्माण हेतु शत प्रतिशत सहायता प्रदान की जाती है।
स्वैच्छिक संस्थाओं को पूर्व से निर्मित छात्रावास के विस्तार हेतु 90 प्रतिशत सहायता उपलब्ध करायी जाती है, जिसमें 45 प्रतिशत राज्यांश एवं 45 प्रतिशत केन्द्रांश होता है।
स्रोत: समाज कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश व भारत सरकार।