मंगलवार, 28 मार्च 2017

एक फिल्म के 50 लाख रू लेते है खेसारी जाने भोजपुरी स्टार्स की फीस

"पटना(बिहार).हाल ही में भोजपुरी फिल्मों के टॉप एक्टर और सिंगर पवन सिंह ने मुंबई में तीन करोड़ रुपए का फ्लैट और 78.58 लाख रुपए की मर्सिडीज बेंज GLE 250d खरीदी है। इस मौके पर dainikbhaskar.com आपको बता रहा है भोजपुरी के टॉप एक्टर्स की कमाई के बारे में। आखिर ये फिल्म स्टार्स एक फिल्म के लिए कितने पैसे चार्ज करते हैं। 50 से 10 लाख रुपए तक लेते हैं ये एक्टर्स.... #खेसारी लाल यादव - बहुत कम लोग जानते हैं कि खेसारी लाल यादव को शत्रुघ्न यादव के नाम से भी जाना जाता है। - खेसारी का जन्म साल 1986 में बिहार के सीवान में हुआ था। खेसारी भी पवन, दिनेश, मनोज तिवारी की तरह सिंगर हैं। - खेसारी को पहली सक्सेस भोजपुरी एलबम 'माल भेटाई मेला' से मिली। - उन्होंने साल 2012 में भोजपुरी फिल्म 'साजन चले ससुराल' से एंट्री की थी। - बताया जाता है कि खेसारी गरीब फैमिली से आते हैं। अपनी पहले एलबम के लिए उन्हें लिट्टी चोखा की दुकान खोलनी पड़ी थी। - दिनेश टीवी एंकरिंग में भी काफी फेमस हैं। उन्‍हें अपनी हर एक फिल्‍म के लिए कम से कम 40-50 लाख रुपए मिलते हैं। #पवन सिंह - भोजपुरी एक्टर और सिंगर पवन सिंह भी इंडस्ट्रीज के टॉप एक्टर्स में शामिल हैं। - भोजपुरी एलबम से अपने करियर की शुरुआत करने वाले पवन सिंह एक फिल्म के लिए 30-40 लाख रुपए तक चार्ज करते हैं। - पवन सिंह को उनकी फिजीक के लिए भोजपुरी फिल्मों का सलमान खान कहा जाता है। - पवन अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। एक्ट्रेस अक्षरा के साथ भी कई बार उनका नाम जोड़ा जा चुका है। - बता दें कि पवन सिंह शादीशुदा हैं। उनकी पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। रवि किशन। (फाइल फोटो) रवि किशन - भोजपुरी फिल्मों के टॉप एक्टर्स में दूसरा नाम रवि किशन का आता है। - रवि किशन भोजपुरी के अमिताभ बच्चन कहे जाते हैं। उन्होंने भोजपुरी के अलावा कई बॉलीवुड की फिल्मों में काम किया है। - रवि किशन ने सलमान से लेकर कई बड़े बॉलीवुड स्टार्स के साथ काम किया है। - उन्होंने भोजपुरी और बॉलीवुड के अलावा साउथ की भी कई हिट फिल्मों में काम किया है। - फिलहाल, वे कई फिल्मों में एक्टिंग कर रहे हैं। रवि किशन अपनी एक फिल्‍म के लिए 20 से 50 लाख रुपए तक फीस लेते हैं। - रवि किशन को गाड़ियों का भी शौकिन माना जाता है। उनके पास लग्जरी कार्स और बाइक्स का कलेक्शन है। - आपको बता दें कि हाल ही में यूपी चुनाव के दौरान रवि किशन भाजपा में शामिल हुए थे। दिनेश लाल यादव। (फाइल फोटो) दिनेश लाल यादव(निरहुआ) - भोजपुरी सिनेमा में सुपरस्‍टार निरहुआ मनोज तिवारी और रवि किशन के बाद तीसरे सबसे बड़े एक्टर हैं। - दिनेश लाल अपनी एक फिल्‍म के लिए 30 से 35 लाख रुपए लेते हैं। - दिनेश के बारे में बताया जाता है कि वे काफी गरीब फैमिली से आते हैं। - निरहुआ सटल रहे नाम के भोजपुरी एलबम से वे चर्चा में आए थे। - दिनेश अपनी फिल्मों के अधिकतर गाने खुद गाते हैं। कई भोजपुरी एक्ट्रेस के साथ उनकी जोड़ी सफल मानी जाती है। - उन्होंने भोजपुरी फिल्म गंगा में बॉलीवुड के मेगा स्टार अमिताभ बच्चन के साथ स्क्रिन शेयर किया था। मनोज तिवारी (फाइल फोटो) # मनोज तिवारी - भोजपुरी फिल्म में सबसे पहला नाम आता है एक्टर, सिंगर और सांसद मनोज तिवारी का। - ससुरा बड़ा पइसा वाला से भोजपुरी फिल्मों में एंट्री मारने वाले मनोज तिवारी कमाई के मामले में टॉप पर हैं। - मनोज तिवारी एक भोजपुरी फिल्म में एक्टिंग के लिए 50 लाख रुपए फीस के तौर पर लेते हैं। - हालांकि इनदिनों वे दिल्ली नगर निगम चुनाव में व्यस्त हैं। लेकिन भोजपुरी फिल्मों में उनकी डिमांड बनी हुई है। - आपको बता दें कि मनोज तिवारी की फिल्म 'ससुरा बड़ा पइसा वाला' ने जबर्दस्त कमाई की थी। - बताया जाता है कि फिल्म लाखों में बनी थी और कमाई का आंकड़ा करीब 20 करोड़ तक पहुंचा था। प्रवेश लाल यादव। (फाइल फोटो) प्रवेश लाल यादव - भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्रीज में एक्‍टर और सिंगर प्रवेश लाल भी काफी फेमस हैं। - 11 दिसंबर 1985 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में जन्मे प्रवेश लाल एक्टिंग और सिंगिंग के साथ-साथ सक्सेसफुल प्रोड्यूसर भी हैं। - उन्होंने साल 2009 में भोजपुरी फिल्म चलनी के चालल दुल्हा से भोजपुरी इंडस्ट्री में एंट्री मारी थी। - हालांकि मूवी आज का अर्जुन से वे चर्चा में आए थे। प्रवेश एक फिल्‍म के लिए करीब 10 लाख रुपए चार्ज करते हैं। विनय आनंद। (फाइल फोटो) विनय आनंद - मुंबई में 23 मार्च 1978 को पैदा हुए विनय आनंद बॉलीवुड सुपर स्‍टार गोविंदा के भांजे हैं। - विनय आनंद ने कई लो बजट वाली बॉलीवुड फिल्‍मों में भी काम किया है। - बॉलीवुड में सक्सेस न मिलने के बाद विनय ने भोजपुरी फिल्मों की ओर रुख किया था। - विनय ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत हिंदी फिल्म सौतेला से की थी। - हिंदी फिल्मों में उनकी 'आमदनी अट्ठनी, खर्चा रुपइया' सबसे सफल फिल्म थी। इस फिल्म में गोविंदा भी थे। - इसके अलावा छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री में भी विनय काम कर चुके हैं। - आपको बता दें कि विनय एक भोजपुरी फिल्म के लिए आठ से नौ लाख रुपए चार्ज करते हैं। बिराज भट्ट। (फाइल फोटो) बिराज भट्ट - नेपाल में पैदा हुए एक्‍टर और स्‍टेज आर्टिस्‍ट बिराज भोजपुरी की तमाम बड़ी फिल्‍मों में काम कर चुके हैं। - बिराज और दिनेश लाल यादव को जोड़ी भोजपुरी फिल्मों में काफी पसंद की जाती है। - बिराज एक भोजपुरी फिल्म के लिए करीब 8 लाख रुपए चार्ज करते हैं। - बता दें कि बिराज नैनीताल से सटे नेपाल के धनगढ़ी के रहने वाले हैं। उनकी स्कूलिंग देहरादून से हुई है। - कॉलेज के दिनों में ही विराज ने मॉडलिंग शुरू की और फिर फिल्मों में आ गए। सुदीप पांडे। (फाइल फोटो) सुदीप पांडे - सुदीप भोजपुरी मूवीज के साथ साथ दूरदर्शन और महुआ चैनल के कई कार्यक्रमों में एक्‍टिंग कर चुके हैं। - बता दें कि सुदीप अपनी एक मूवी के लिए करीब 8 लाख रुपए वसूलते हैं। - सुदीप की फिल्मों में जहां कॉमेडी और रोमांस का तड़का होता है, वहीं इनकी फिल्में एक्शन से भी भरपूर होती हैं। - भोजपुरी फिल्मों के जाने माने अभिनेता सुदीप पांडेय की फिल्में जबर्दस्त ग्लैमरस होती हैं। यश मिश्रा । (फाइल फोटो) # यश मिश्रा - भोजपुरी फिल्मों के यश मिश्रा यूपी के गोंडा जिले के रहने वाले हैं। - यश को इंडस्ट्रीज में उनकी पर्सनॉलिटी और फिजीक के लिए जाना जाता है। - यश दर्शकों के बीच काफी पॉप्यूलर हैं। यश एक फिल्‍म के लिए करीब 7 से 10 लाख रुपए चार्ज करते हैं। - उन्हें एक्शन हीरो के तौर पर जाना जाता है। यश ने राजा जी आई लव यू से इंडस्ट्री में एंट्री की थी।" - एक फिल्म के 50 लाख रु. लेते हैं खेसारी, जानें भोजपुरी स्टार्स की फीस http://tz.ucweb.com/3_24lGR

जानिए धनिया की खेती कैसे करें ?

जानिए कैसे आप भी धनिया की खेती कर के अपने पैरो पर खड़े हो सकते हैं | जानिए Coriander Farming को वैज्ञानिक तरीके से कैसे इस business को बढ़ा पर profit कमाया जा सकता है | प्राचीन काल से भारत को ‘मसालो की भूमि’ कहा जाता है | भारत में कई प्रकार के मसाला पाए जाते है जो हमारे भोजन को स्वादिष्ट एवं सुगन्धित बनाता है | इन्ही मसालों में एक है जिसे धनिया कहा जाता है | धनिया के पत्ते और बीज दोनों को हम मसाला के रूप में इस्तेमाल करते है | पत्ते का इस्तेमाल ताजा मसाला के रूप में बल्कि बीज का इस्तेमाल सुखा मसाला के रूप में करते है | धनिया का इस्तेमाल / Uses of Coriander धनिया एक प्रकार का बहूपयोगी मसाला है, इसका इस्तेमाल सिर्फ मसाले के रूप में नहीं होता है | इसमे कई प्रकार के औषधीय गुण होने के कारण इसे दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है | इसका इस्तेमाल सिर्फ मसाला के रूप में ना होकर कई लोग इसे अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर सब्जी के रूप में भी इस्तेमाल करते है | बहुत से लोग इसका चटनी बनाकर अपने भोजन के साथ लेना ज्यादा पसंद करते है | बहुत से लोग इसके पत्ते का इस्तेमाल करते है, तो कई लोग इसके बीज का | और बहुत से जगहों पर तो इसके जड़ का भी इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है किया जाता है | धनिया के फायदे प्राचीन काल से भारत के हर एक रसोई में धनिये का इस्तेमाल चला आ रहा है | धनिया में मौजूद औषधिये गुण के कारण आज भी इसका इस्तेमाल जारी है और वर्षो इसका इस्तेमाल जारी रहेगा | तो आइये आज जानते है धनिया के औषधिये गुण | धनिया, सौफ और मिश्री को बराबर मात्र में मिलाकर चूर्ण बना ले | अब इस चूर्ण को नियमित भोजन के उपरांत लेने से शरिर में होने वाले जलन से जल्द राहत मिलेगी | अगर आपका पाचन क्रिया सही से काम नहीं कर रहा है, या आपके पेट में गैस है तो आप इन सब से छुटकारा पाने के लिए धनिया की चाय के सेवन से दूर किया जा सकता है | 20 ग्राम धनिया के हरी पत्ती में चुटकी भर कपूर को मिलकर पिस ले और इसका रस के 2-2 बूंद दोनों नाक में डाले | और थोडा सा रस माथे पर लगा कर हल्का मालिश करे इससे नकसीर की बीमारी ठीक हो जाती है | धनिया का नियमित इस्तेमाल त्वचा के लिए फायदेमंद माना गया है | इसके साथ ही धनिया खून में मौजूद इन्सुलिन की मात्रा को नियंत्रित कर हमे diabetes से दूर रखता है | धनिया, जीरा और Sweet flag की बनी काढ़ा सर्दी और खांसी का रामबाण इलाज है | अधिक जानकारी के लिए आप धनिया के औसधीय फायदे यहाँ पढ़े | धनिया की खेती कैसे सुरुवात करे / How to start Coriander Farming धनिया बहुगुणी होने के कारण इसकी खेती पुरे भारत वर्ष में बड़ी जोर सोर से की जाती है | आम तौर पर आपको घर घर पर धनिया की खेती देखने को मिलेगा चाहे वो इसे खुद का इस्तेमाल के लिए करे | अक्सर लोग इसका इस्तेमाल अपने भोजन में किया करते है | आज इसका बाजार मांग काफी बढ़ गयी है, धनिया की खेती के लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता नहीं है ये कम पूंजी पर और समय पर अच्छी उपज देने वाले फसलो में से एक है | तो आइये आज हम जानते है धनिया की खेती कैसे की जाती है | जलवायु एवं भूमि किसी भी फसल के लिए ये बेहत important है की जलवायु और भूमि फसल के अनुकुल हो | धनिया शीतोष्ण जलवायु का फसल है, इसके उत्तम production के लिए शुष्क और ठंडा मौसम सबसे उचित माना गया है | प्रारंभिक समय में बीजो के अंकुरण के लिए 25-26oC तापमान की आवश्यकता होती है | अगर आप धनिया के उच्च गुणवत्ता के लिये शुष्क और ठंडा मौसम, तेज धूप, समुद्रतल से अधिक ऊंचाई के साथ ऊंचहन भूमि की आवश्यकता होती है । धनिया की खेती आम तौर पर किसी भी मिट्टी में की जा सकती है, परन्तु धनिया की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी सर्वोत्तम माना गया है | साथ ही मिट्टी का Ph मान 6.5-7.5 होनी चाहिए | भूमि की तैयारी खेती करने के पूर्व हमे खेत को फसल के अनुरूप तैयार कर लेनी चाहिए | खेती से पहले खेतो में रसायनिक खाद के जगह जैविक खाद का इस्तेमाल करे तो ये फसल और खेत दोनों के लिए लाभकारी होता है | इसलिए खेतो में जैविक खाद (गोबर) का इस्तेमाल करना चाहिए | खेतो में फसल के पहले 4-5 जुटाई कर के मिट्टी को अच्छी से भुर-भुरी कर ले, अंतिम जुटाई से पहले खेतो में आवश्यकता नुसार गोबर या कम्पोस्ट खाद मिलकर एक और जुताई कर के पाटा चला लेना चाहिए | इसे भी पढ़े कैसे करे कपास की खेती विस्तार में | धनिया के प्रजाती अन्य फसलो के मुताबिक धनिया के भी कई प्रजातीय पाई जाती है, सभी प्रजातियों का अपना उत्पादन क्षमता है | कृषक को खेती के लिए सही बीज का चुनाव करना आवश्यक है | तो आइये आज जानते है धनिया के प्रजातियों के बारे में Type Duration (inDays) Production (in qq/ak.) हिसार सुगंध 120-125 7-8 आर सी आर41 130-140 3-4 कुंभराज 115-120 5-6 आरसीआर435 110-130 4.5-5.5 आरसीआर 436 90-100 4.5-5.5 आरसीआर446 110-130 5-5.5 जी सी 2(गुजरात धनिया 2) 110-115 6-6.5 आरसीआर684 110-120 5-5.5 पंत हरितमा 120-125 6-8 सिम्पो एस 33 140-150 7-8 जे डी-1 120-125 5-6 एसीआर1 110-115 4-5 सी एस 6 115-120 5-6 आर सी आर480 120-125 5-6 आर सी आर728 125-130 5.5-6 धनिया पत्ते के बिज के दाम / Price of Coriander Seeds अच्छी पैदावार के लिए आपको धनिया के अच्छे बिज लेने होंगे जो की लगभग Rs 80 से 100 per kg के बिच में मिल जायेंगे | ध्यान रहे की आप Coriander के Seeds अच्छी ब्रांड के ले ताकि पैदावार अच्छी हो | बीज की बुवाई का समय धनिया रबी फसल होने के कारण इसकी बुवाई अक्टूबर और नवम्बर के मध्य करना सबसे अच्छा होता है | भारत के कई क्षेत्रो में इसकी बुवाई मई से अगस्त के मध्य भी करते है, परन्तु इसके बुवाई का उचित समय October से November के मध्य वाला समय उचित है | बीज की बुवाई बीज को बोने से पहले इसका उपचार करना बेहद अवश्यक है इसके उपचार से बिज में होने वाले बीमारी नहीं होगी और अंकुरण अच्छा होगा | साथ ही बीजोपचार फसल को कई रोगों और किट पतंगों से दूर रखता है | एक किलोग्राम बीज के उपचार के लिए कार्बेंन्डाजिम, थाइरम 2:1 की मात्र में 3 ग्रा. या कार्बोक्जिन और थाइरम 3 ग्रा. के साथ ट्राइकोडर्मा विरिडी 5 ग्रा. मिलाकर उपचार करे | बीज को जनित रोग से बचाने के लिए बीज को स्टे्रप्टोमाईसिन 500 पीपीएम से उपचारित करना फायदेमंद होता है | मुख्यतः धनिया की बुवाई दो प्रकार से होती है सिंचित और असिंचित | सिंचित में हम बीज को एक पंक्ति में लगाते है जिसमे पंक्तियों को दुरी 20-30 cm और पौधो के आपस से दुरी 10-15 cm राखी जाती है | इस विधि में बीज की लागत 6-8 kg प्रति एक्कड़ होती है, जो असिंचित से कम है और साथ ही इसमे production भी ज्यादा होता है | असिंचित खेती में बीज को किसी पंक्ति में नहीं लगाया जाता है, इसमे हम बीज को खेतो में छिडकाव करते है जिससे बीज सभी जगहों पर सामान्य अन्तराल पर न हो कर कही पर अधिक और कही कम होता है, जिसके कारण इस विधि में production अधिक नहीं होता है | इस विधि में बीज की खपत 10-12 kg प्रति एक्कड़ होता है | खाद एवं रख-रखाव जमीन में फसल के लिए पर्याप्त तत्व नहीं होने के कारण हम खेती से पहले खतो में अक्सर गोबर आदि का इस्तेमाल करते है | धनिया का फसल के 20 दिन के हो जाने के बाद हमे पौधो में जीवामर्त का छिडकाव करना चाहिए | साथ ही हमे समय समय पर दहनीय के पौधो के साथ निकलने वाले खरपतवार को निकाल कर हटा देना चाहिए | ये पौधे के विकास को रोकता है और साथ ही production को कम करता है | किट नियंत्रण अन्य फसलो के मुताबिक इस में भी किट का प्रकोप आप देख सकते है, परन्तु इस फसल में अन्य फसलो के मुताबिक किट कम पाए जाते है | चैंपा – धनिया के खेती में आक्रमण करने वाला कीटो में से ये पहला किट है | मुख्यतः ये देखा गया है कीटो का आक्रमण पौधो पर पुष्प के आरम्भ होने पर होता है, परन्तु चैंपा धनिया के पौधे के आरंभ में आक्रमण करता है, और ये इसके कोमल अंगो से रस को चूसता है | नियंत्रण – चैंपा को पौधो से दूर रखने के लिए नीम के तेल को गौ मूत्र में मिलाकर पौधो पर छिडकाव करना चाहिए | रोग एवं रोकथाम / Common Diseases फसल के उपज को प्रभावित करने वाले कारणों में से एक कारण पौधो में लगने वाले रोग भी है | रोग पौधो को नुकसान पंहुचाकर इसके विकास को प्रभावित करता है | आइये जानते है धनिया में पाए जाने वाला प्रमुख रोग एवं इनके रोकथाम | उकठा – उकठा धनिया में पाए जाने वाले रोगों में से सबसे खतरनाक है, इसके कारण पौधे मुरझा जाते है और इनका विकास रुक जाता है | इस बीमारी से बचने के लिए खेती से पहले खेत की अच्छी से गहरी जुताई करनी चाहिए | साथ ही खेत में उचित फसल चक्र का इस्तेमाल करना चाहिए और बीज लगाने से पहले बीजोपचार करना कभी नहीं भूलना चाहिए | तना व्रण – तना व्रण को स्टेम गांल के नाम से जाना जाता है | इस बीमारी में पौधे के उपरी भाग संक्रमण के कारण सुख जाते है | इससे बचने के लिए बीज को बोने से पहले नीम के तेल या गौ मूत्र से अवश्य उपचारित करे | पाला – ठण्ड के दिनों में फसल में अक्सर पाले का शिकायत सुनाने को मिलता है | फसल में पाला पड़ने के कारण भरी नुकसान पहुचता है | इसके असर को कम करने का सबसे आसन तरीका है गोबर के उपलों की रख, जी हा इस राख का छिडकाव कर आप पौधो को पाला से बचा सकते है | बाजार मुल्य / Market Rate वैसे तो खुले market में धनिया पत्ते का दाम अमूमन Rs 80 से लेकर Rs 120 per kg तक रहती है, पर जब आप धनिया की खेती कर रहे होंगे तो आपको इसे सीधे मंडी में sell करना होगा जहाँ पर आपको Rs 30 से Rs 50 तक प्रति किलो मिल जायेगा | Production अगर सही तरीके से धनिया की उन्नत खेती की जाये तो आपको per acer से 400-600 Kg का production मिल सकता है | उस हिसाब से: 400 Kg * Rs 50 = Rs 20,000 आपको per acer आसानी से INR 20,000 की तो कमाई पक्की है और खर्चा केवल बिज, खाद और पाने पटाने में जो मोटर का खर्चा आएगा वो लगभग Rs 2,000 तक maximum expenses आएगा | उस हिसाब से अगर आप 3 या 4 acer में Coriander ki farming करते है तो : 4 acer * Rs 20,000 = Rs 80,000 (minus) Rs 5,000 —————————————- Total Net Profit: Rs 75,000 —————————————- आपको 75,000 आसानी से 4 महीने में कम लेंगे | उस हिसाब से अगर साल में आप 3 बार भी धनिया पत्ते की खेती करते है तो Rs 2,00,000 तक तो कही नहीं जा रहा है | परन्तु ध्यान रहे की ऊपर दिया गया calculation इस हिसाब से जोड़ा गया है की अगर आप खुद से खेत में काम करते है और किसी labor को काम पर नहीं लगते है | और यह भी बतलाना जरुरी है की 1 acer में इसकी खेती करने से आपको उतना मुनाफा शायद नहीं मिल पाए, इसलिए पड़ी पैमाने पर ही इसके करने पर फायदा आपको मिलेगा | जरुरत है तो केवल लगन से इसे सिखने की, थोड़ी मेहनत और scientific तरीके से इसे करने की | Category: Business

कैसे गहराई से ध्यान लगाए

कैसे गहराई से ध्यान लगायें ध्यान लगाना आपके लिए एक अजीब सी निराशा हो सकती है। तनाव को दूर करने और आपकी तंत्रिकाओं को काबू में रखने वाला यह अभ्यास आपको क्यों भ्रम में डाल रहा है या फिर अापको क्या करना चाहिए? ध्यान करने के लिए क्या है? गहराई से ध्यान कैसे लगाया जाये? ऐसे और भी बहुत सारे प्रश्न आपके मन में होंगे। इन प्रश्नों का एक संभावित उत्तर यह भी हो सकता है: शांत दिमाग और बैठने की सही तकनीक अपनाकर आप ध्यान की गहराई में उतर सकते हैं। इस लेख में हम आपकी इन सभी जिज्ञासाओं पर प्रकाश डाल रहे हैं। 4की विधि 1: शांत जगह ढूंढें Edit 1 घर में एक शांत जगह का चयन करें: घर का ऐसा कमरा जिसमें दरवाजे तथा खिड़कियाँ हों और बच्चों तथा गाड़ियों के शोर-शराबे से दूर हो, आपके लिए बेतहर पंसद हो सकता है। 2 सीधी कमर वाली कुर्सी अथवा एक छोटी चटाई लें: अच्छे बैठने के साधन का मतलब यह नहीं कि ये आरामदायक हों और आप इस पर बैठ कर सो जायेंं। बल्कि ऐसे साधन का चुनाव करें जिस पर आप आराम से 20 से 30 मिनट बैठ सकें। 3 बैठने के स्थान पर हल्का प्राकृतिक प्रकाश सुनिश्चित करें: हल्का सफेद या पीला प्रकाश आपके दिमाग को आराम देने में मदद करता है, इसलिए फ्लुरोसेंट (fluorescent) प्रकाश की तुलना में लैंप अथवा मोमबत्ती ज्यादा अच्छा विकल्प होगी। 4 ऐसा समय चुनें जब आप अन्य दैनिक कार्यों से दूर रहें: बेहतर होगा यदि ध्यान के लिए आप सुबह-सुबह या शाम का समय चुनें जब बच्चे सो रहें हों तथा फोन की घंटी भी आपको परेशान न करे। Advertisement 4की विधि 2: ध्यान लगाने का अभ्यास Edit 1 अपनी चटाई अथवा कुर्सी पर बैठें: आराम की स्थिति में बिना हिले-ढुले लगभग 20 से 30 मिनट बैठें। देर तक बैठने से पहले अपनी कमर को कुछ खिंचाव दें: अपनी कमर को बैठे-बैठे दायें तथा बायें झुकायें। कुछ हल्का-फुल्का व्यायाम या आसन करें जिससे आपकी टेंशन कम हो और आप आराम से ध्यान लगा सकें। कंधों को आराम दें: सांस लेते हुए कंधों को अपने कान की ऊँचाई तक ऊपर लेकर जायें फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापिस नीचे लायें। अपनी कमर को बिल्कुल सीधा रखें। हाथ अपनी गोद में रखें। जैजेन (Zazen) मैडिटेशन के अनुसार ध्यान लगाते समय अापका बांया हाथ आपके दांये हाथ में तथा हथेली ऊपर की तरफ और बांये हाथ का अंगूठा दांये हाथ के अंगूठे के ऊपर इस तरह होना चाहिए जैसे की आप एक अंडे को गोद में उठा झूला झुला रहे हों। इस मुद्रा में एक वृत्त बनना चाहिए और आपको इनफिनिटी (infinity) और साथ-साथ में बेहोशी या निद्रा का आभास होना चाहिए। आपके शरीर के गैर सक्रिय (non-dominant) रूप को आगे आना चाहिये। 2 आँखें बंद कर खाली दीवार की ओर ध्यान केंद्रित करें: कुछ ध्यान लगाने वाले साधकों को आँखें खोलकर ध्यान लगाने में कठिनाई होती है जबकि कुछ को आँखें बंद कर क्योंकि झपकी अाने पर वे निद्रा की स्थिति में चले जाते हैं।[१] सक्रियता से शून्य अथवा जहाँ कुछ नहीं है वहाँ ध्यान लगाने की कोशिश करें: एकटक नजर लगाए खाली दीवार की तरफ दीवार के अंदर देखने का प्रयत्न करें। जब जरुरत हो तो पलक झपकायें। 3 अपनी सांस की तरफ ध्यान केंद्रित करें: अधिकांश ध्यान सही तरीके से शांत बैठने और संतुलित तरीके से सांस लेने से अधिक कुछ नहीं है। हाँलांकि इसी सादगी में अंनत कठिनाई छुपी हुई है क्याेंकि बिना ध्यान भटकाये कुछ पल भी बैठना अपने आप में एक चुनौती है। इसके लिए एक आसान तरीका यह है कि 10 से उल्टी गिनती गिनना शुरु करें। अपना ध्यान गिनती की ओर लगायें और अपने दिमाग को शांत अवस्था में जाने दें। यदि आपके पास समुचित समय है तो यह अभ्यास बहुत कारगर है और आप इसके लिए उल्टी गिनती 50 या 100 से भी शुरु कर सकते हैं। 8 से 10 सेकेंड लंबी गहरी सांस लें, इसे 2 से 4 सेकेंड रोकें और अब इसे पुनः 8 से 10 तक गिनते हुए छोड़ें। इस पूरी प्रक्रिया को लगभग 2 मिनट तक दोहरायें। सांस लेने और छोड़ने को एहसास करें तथा बंद आँखों से इसे देखने का प्रयास करें। अपने शरीर में ऑक्सीजन (हवा) के भरने की कल्पना करें और ऐसा एहसास करें कि रक्त के माध्यम से ये आपके पूरे शरीर में ऊर्जा उत्पन्न कर रही है। Advertisement 4की विधि 3: एकाग्रता बनाये रखना Edit 1 अपने विचारों को देखें: ध्यान लगाना अपने आप में एक कला है और इसे शुरु करते समय सबसे मुश्किल बात यह होती है कि क्या करें। आप शांत अवस्था में बैठे हैं और सांस ले तथा छोड़ रहे हैं....इसके बाद क्या? जी नहीं यह यहीं खत्म नहीं होता है। जैसे-जैसे आप ध्यान लगाने का अभ्यास करेंगे, आप अपने दिमाग से आते और जाते हुए विचारों को आभास करने लगेंगे। हो सकता है कि इस दौरान आपको ऐसा लगे कि आपने अपने बच्चों को गोद में उठाया हुआ है, या फिर आप डिनर के लिए जा रहें हैं या फिर आप अपने थकावट भरे पलों में कुछ सुस्ता रहें हैं। बजाये इसके कि आप इन विचारों को अनावश्यक रूप से पहचानने की कोशिश करें, बेहतर होगा कि आप इन्हें अपने शरीर में प्रवेश करने दें। ऐसा एहसास करें जैसे कि कोई मछली तालाब में तैर रही हो। इन विचारों को अपने दिमाग से आते और जाते हुए देखने की कोशिश करें।[२] ऐसा करने से आप शांत महसूस करेंगे और अपने अंहकार से दूर रहेंगे। यह आपको आपके "मैं" से भी दूरी बनाने में मदद करेगा। अपने विचारों को मन में घूमने दें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। गहरी लंबी सांस लें और इसे छोड़ें। 2 संघर्ष न करें: विचार की तुलना में जागरुक होना आपको अधिक ऊर्जा देता है। इसका वर्णन करना या इसे अनुभव करना अपने आप में एक चुनौती है। यही कारण है कि ध्यान एक अभ्यास है और इसलिए जैजेन (zazen) इसे "जस्ट सिटिंग (just sitting)" अर्थात् सिर्फ बैठना बताता है। ध्यान गुरु और जे़न भिक्षु (zen monks) क्या करते हैं? वो सिर्फ एक मुद्रा में बैठते हैं। अपने आसपास और अपनी जिंदगी को मन में बहते हुए विचारों में ढूंढने की कोशिश करें। पंरतु इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने मन को अपनी "जागरुकता" के पूर्वचिंतित संस्करण (pre-conceived version) की ओर खीचें। जैसे-जैसे आप ध्यान का अभ्यास करेंगे, यह स्वाभाविक रूप से खुद होने लगेगा और हो सकता है कि शुरु में आप इससे विचलित भी हों। 3 ध्यान के दौरान सांस लेने का महत्व: गहराई से सांस लें और सांस को नियंत्रित करने की कोशिश करें। सांसों के द्वारा ध्यान को केंद्रित तथा सक्रिय करने में सहायता मिलती है। ध्यान करते समय जब मन अस्थिर हो तो उस समय सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को देखने की कोशिश करें तथा इसका एहसास करें, आपका मन स्थिर हो जायेगा और ध्यान लगने लगेगा। ध्यान करते समय गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे सांस छोड़ने की क्रिया से जहाँ शरीर और मन को लाभ मिलता है, वहीं ध्यान में गति मिलती है। हमारा मन भी इसी तरह काम कर सकता है। अपने विचारों को देखते हुए आपके मन में भी ख्याल आ सकता है: "जरा रुको, कौन है जो विचारों को देख रहा है?" अापके मन के साथ विचारों का टकराव भी हो सकता है। ऐसे में अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें अौर जो हो रहा है उसे ऐसे ही होने दें। 4 खुद को गले लगाओ: अपने मन में आने वाले विचारों से अपने आप को अलग करके, अपने मन को, अपने तन को तथा अपनी सांसों को अनुमति देकर आप अपने स्वभाव को अपने नियंत्रण से मुक्त कर रहे हैं। आप खुद को अपने अहम से दूर कर रहें हैं तथा सीख रहे हैं कि कैसे अपने स्वभाव को गले लगायें और कैसे खुद से सच्चा प्यार करें। Advertisement 4की विधि 4: ध्यान के अंत में Edit 1 अपनी भौतिक स्थिति में वापिस आयें: अपने आप को ढीला छोड़ें और स्वाभाविक स्थिति में वापिस आयें। मन की गहराइयों से बाहर आयें और देखें कि आप पुनः जमीन अथवा कुर्सी पर बैठे हैं। 2 कुछ देर शांत बैठें और उन पलों, उस शांति को तथा उस मौन को धन्यवाद कहें जिसने आपका ध्यान लगाने में साथ दिया: थोड़े से सकारात्मक विचार आपके पूरे दिन को ऊर्जावान बना सकते हैं। 3 प्रतिदिन ध्यान के लिए समय निश्चित करें: अपने बनाये हुए टाइम टेबल का पालन करें। धीरे-धीरे यह आपको सहज लगने लगेगा।

चमक दार चेहरे के लिए योगा टिप्स

तनाव, प्रदूषण या बढ़ती उम्र के कारण चेहरे पर झुर्रियां, झाइयां और कालापन छाने लगता है। किशोर वर्ग मुंहासे, फुंसियां आदि के कारण परेशान रहते हैं। यह स्थिति व्‍यक्तित्‍व को आकर्षक नहीं रहने देती। यहां प्रस्तुत है चमकदार चेहरे के लिए कुछयोगा टिप्स। स्टेप 1- पहले सावधान मुद्रा में खड़े होकर फिर पैरों को 1 फुट की दूरी पर फैला लें। चेहरे को हथेलियों से ढंक लें और 10 बार तेज गहरी श्वास लें। इसके बाद चेहरे, आंखों और माथे को हल्के-हल्के 2 मिनट तक अंगुलियों से रगड़ें। स्टेप 2- मुंह से लंबी श्वास खींचें और 1 मिनट के लिए अंदर ही रोकें, फिर हवा को धीरे-धीरे नाक से बाहर निकाल दें। इस क्रिया को कम से कम 5 बार करें। स्टेप 3- आंखों के लिए जीभ को यथासंभव बाहर निकालकर आंखों को लगभग 1 मिनट तक जितना हो सके, फैलाने का प्रयास करें। इससे आंखों के नीचे की झुर्रियां हटती हैं और आंख संबंधी परेशानी दूर होती है। स्टेप 4- झुर्रियां मिटाने में योग की कपोल शक्ति विकासक विधि कारगर है। इसके लिए पहले दोनों हाथों की अंगुलियों के अग्र भाग को आपस में मिलाते हैं, फिर दोनों अंगूठों से नाक के दोनों छेद को बंद कर लेते हैं। इस दौरान दोनों कोहनियों को कंधों की सीध में रखें। अब मुंह को चोंच की तरह बनाते हुए श्वास लेते हैं और गाल फुलाते हैं और ठोड़ी को छाती की ओर दबाते हैं। इस दौरान छोटी अंगुली छाती से स्पर्श रहेगी। फिर कुछ पल के लिए आंखें बंद करते हुए इस स्थिति में 5 सेकंड श्वास रोककर रह सकते हैं। फिर आंखें खोलते हुए गर्दन सीधी करते हैं। अंगूठों को नाक से हटाकर श्वास को धीरे-धीरे बाहर निकाल देते हैं। इस क्रिया को 5 बार दोहरा सकते हैं। इसके लाभ : उक्त क्रिया के अभ्यास से पिचके हुए गाल भर जाते हैं। झाइयां और आंखों के नीचे का कालापन दूर होता है। गाल पर होने वाले मुंहासे, फुंसियां आदि का निकलना बंद हो जाता है और गाल पर लाली छा जाती है। चेहरे की ग्लोइंग एंड सॉफ्ट स्किन हो जाती है। आप चाहें तो कुंजल क्रिया, जलनेति, योग मुद्रा, विपरीत करणी, सर्वांगासन, हलासन, मत्स्येन्द्रासन, सुप्त कटि चक्रासन, सुप्त कोणासन, पश्चिमोत्तानासन और उत्तान पादासन कर सकते हैं। उपरोक्त सभी कुछ किसी योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करें। योगा पैकेज : सबसे पहले तनाव को दूर रखते हुए अच्छा फील करें। मसालेदार भोजन छोड़कर भोजन को शुद्ध प्रोटीनयुक्त तथा सात्विक बनाएं। सलाद का उपयोग ज्यादा करें। नेगेटिव सोच को स्वयं पर हावी न होने दें। प्राणायाम, मौन और ध्यान का नियमित अभ्यास

पेट,कमर और पीठ ते लिए टिप्स

पेट, कमर और पीठ के लिए योगा टिप्स WD| FILE यदि आपका पेट थुलथुल हो रहा है, कमर मोटी हो चली है या पीठ दुखती रहती है, तो योग की यह हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें। ‍इस एक्सरसाइज के नियमित अभ्यास करते रहने से निश्चितरूप से जहां पेट फ्लैट हो जाएगा वहीं कमर भी छरहरी हो जाएगी। योगा एक्सरसाइज: स्टेप 1- दोनों पैरों को थोड़ा खोलकर सामने फैलाए। दोनों हाथों को कंधों के समकक्ष सामने उठाकर रखें। फिर दाहिनें हाथ से बाएं पैर के अंगूठे को पकड़े एवं बाएं हाथ को पीछे की ओर ऊपर सीधा रखें, गर्दन को भी बाईं ओर घुमाते हुए पीछे की ओर देखने का प्रयास करें। इसी प्रकार दूसरी ओर से करें। इन दोनों अभ्यासों से कमर दर्द व पेट स्वस्थ होता है तथा कमर की बढ़ी हुई चर्बी दूर होती है, परन्तु जिनको अत्यधिक कमर दर्द है वे इस अभ्यास को न करें। स्टेप 2- दोनों हाथों से एक दूसरे हाथ की कलाई पकड़कर ऊपर उठाते हुए सिर के पीछे ले जाएं। श्वास अन्दर भरते हुए दाएं हाथ से बाएं हाथ को दाहिनी ओर सिर के पीछे से खीचें। गर्दन व सिर स्थिर रहे। फिर श्वास छोड़ते हुए हाथों को ऊपर ले जाएं। इसी प्रकार दूसरी ओर से इस क्रिया को करें। स्टेप 3- घुटने और हथेलियों के बल बैठ जाएं। जैसे बैल या बिल्ली खड़ी हो। अब पीठ को ऊपर खिठचें और गर्दन झुकाते हुए पेट को देखने का प्रयास करें। फिर पेट व पीठ को नीचे खिंचे तथा गर्दन को ऊपर उठाकर आसमान में देंखे। यह प्रक्रिया 8-12 बार करें। एक्सट्रा टिप्स: आहार संयम : सर्वप्रथम तो अपना आहार बदलें। पानी का अधिकाधिक सेवन करें, ताजा फलों का रस, छाछ, आम का पना, जलजीरा, बेल का शर्बत आदि तरल पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करें। ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, खीरा, संतरा तथा पुदीने का भरपूर सेवन करें तथा मसालेदार या तैलीय भोज्य पदार्थ से बचें। हो सके तो दो भोजन कम ही करें। योगासन : प्रतिदिन सवेरे सूर्य नमस्कार का अभ्यास करें। कपालभाति और भस्त्रिका के साथ ही अनुलोम-विलोम करें। खड़े होकर किए जाने वाले योगासनों में त्रिकोणासन, कटिचक्रासन, ताड़ासन, अर्धचंद्रासन और पादपश्चिमोत्तनासन करें। बैठकर किए जाने वाले आसनों में उष्ट्रासन, अर्धमत्स्येंद्रासन, सिंहासन, समकोणासन, ब्रम्ह मुद्रा और भारद्वाजासन करें। लेटकर किए जाने वाले आसनों में नौकासन, विपरीत नौकासन, भुजंगासन, धनुरासन और हलासन करें। बंधों में जालंधर और उड्डियान बंध का अभ्यास करें। वेबदुनिया हिंदी मोबाइल ऐप अब iOS पर भी, डाउनलोड के लिए क्लिक करें। एंड्रॉयड मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें। ख़बरें पढ़ने और राय देने के लिए हमारे फेसबुक पन्ने और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।

"राम मंदिर के लिए मुस्लिमों ने दान की अपनी जमीन,3 अरब मे होगा भव्य मंदिर का निर्माण

अयोध्या में भले ही राम मंदिर और मस्जिद बनाने को लेकर हिन्दू-मुस्लिम में विवाद हो. लेकिन मोतिहारी में 190 एकड़ पर बनाया जा रहा राम मंदिर सभी लोगो के लिए एक मिसाल है. इस मंदिर को बनाने के लिए ना सिर्फ मुस्लिमो ने अपनी जमीनें दान में दी है. बल्कि वह लोग मंदिर निर्माण के कार्यो में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे है. इस मंदिर का निर्माण 5 वर्षो में कर लिया जायेगा. जिसमे कुल 3 अरब से ज्यादा रूपए का खर्च आएगा. मुस्लिमो द्वारा इस मंदिर के निर्माण के लिए करीब डेढ़ एकड़ भूमि दान की गयी है. मंदिर का निर्माण महावीर स्थान न्यास समिति, पटना द्वारा करवाया जा रहा है. पहले इस मंदिर का निर्माण विश्व प्रसिद्ध कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की तर्ज़ पर किया जा रहा था. लेकिन वह की सर्कार के विरोध के बाद इस मंदिर के नक़्शे को बदल कर अब इसे नए रूप में बनाया जा रहा है. जो काफी भव्य होगा." - राम मंदिर के लिए मुस्लिमो ने दान की अपनी ज़मीन, 3 अरब में होगा भव्य मंदिर का निर्माण http://tz.ucweb.com/3_238vo