शुक्रवार, 24 मार्च 2017
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Last 7 Day: jio ने फिर बताए प्राइम मेंबरशिप के फायदे देखे 4 फोटो
गैजेट डेस्क। रिलायंस जियो का फ्री हैप्पी न्यू ईयर ऑफर 31 मार्च को खत्म हो जाएगा। ऐसे में कंपनी लगातार अपने 100 मिलियन यूजर्स को प्राइम मेंबरशिप से जोड़कर उन्हें ज्यादा फायदा देना चाहती है। इसके लिए उसने अब फेसबुक पर कुछ फोटो शेयर किए हैं। इन फोटो में प्राइम मेंबरशिप के फायदे बताए गए हैं। ऐसे यूजर्स जो अब तक प्राइम मेंबरशिप को नहीं समझ सके हैं वो इन फोटो को देखकर इसके फायदे जान सकते हैं। कंपनी इसके लिए पहले भी फेसबुक पर कुछ फोटो शेयर कर चुकी है। ये हैं प्राइम मेंबरशिप के फायदे... - सबसे पहले यूजर को 99 रुपए में प्राइम मेंबरशिप लेना होगी, जिसकी वैलिडिटी मार्च 2018 तक होगी। - प्राइम मेंबरशिप लेने की लास्ट डेट 31 मार्च है। इससे पहले ही यूजर को ये प्लान लेना होगा। - प्लान लेने के बाद मंथली 303 रुपए में फ्री वॉइस कॉलिंग और अनलिमिटेड डाटा (1GB 4G डाटा के साथ) मिलेगा। - एक साल के लिए जियो प्रीमियम ऐप्स का सब्सक्रिप्शन फ्री मिलेगा। - सभी जियो सर्विसेस (Broadband, DTH and more) के लिए प्री-एक्सेस मिलेगा। - जियो और जियो पार्टनर्स स्टोर्स पर स्पेशल डिस्काउंट ऑफर्स मिलेंगे। - 31 मार्च के पहले प्राइम मेंबरशिप लेकर 303 रुपए या 499 रुपए का रिचार्ज कराने पर 4G डाटा एक्स्ट्रा मिलेगा। आगे देखिए वो फोटोज जो रिलायंस जियो ने प्राइम मैंबरशिप को बताने के लिए शेयर किए हैं" - Last 7 Day: Jio ने फिर बताए प्राइम मेंबरशिप के फायदे, देखें ये 4 फोटो http://tz.ucweb.com/3_1IIYO
भगवान के कल्कि अवतार से होगा कलयुग का अंत
भगवान विष्णु सृष्टि के पालनहार हैं| भगवान विष्णु ईश्वर के तीन मुख्य रुपों में से एक रूप हैं इन्हें त्रिमूर्ति भी कहा जाता है ब्रह्मा विष्णु, महेश के मिलन से ही इस त्रिमूर्ति का निर्माण होता है| सर्वव्यापक भगवान श्री विष्णु समस्त संसार में व्याप्त हैं कण-कण में उन्हीं का वास है उन्हीं से जीवन का संचार संभव हो पाता है संपूर्ण विश्व श्री विष्णु की शक्ति से ह ी संचालित है वे निर्गुण, निराकार तथा सगुण साकार सभी रूपों में व्याप्त हैं| पुराणों में भगवान विष्णु के दशावतारों का वर्णन है। इनमें से नौ अवतार हो चुके हैं, दसवें अवतार का आना अभी शेष है। धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु का यह अवतार कल्कि अवतार कहलाएगा। पुराणों के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह अवतार होगा, इसलिए इस दिन कल्कि जयंती का पर्व मनाया जाता है। भगवान विष्णु के प्रमुख अवतार- जब-जब पृथ्वीलोक पर धर्म की हानि हुई तब- तब भगवान विष्णु ने अपने भक्तों को बचाने व धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिए| भगवान विष्णु के कुछ अवतार इस प्रकार हैं- मत्स्य अवतार- इस अवतार में भगवान विष्णु ने मछली का रूप धरा और पृथ्वी के जल मग्न होने पर ऋषि- मुनियों समेत कई जीवों की रक्षा की| भगवान ने ऋषि की नाव की रक्षा की थी तथा ब्रह्मा जी ने पुनः जीवन का निर्माण किया| एक अन्य कथा अनुसार शंखासुर राक्षस जब वेदों को चुरा कर सागर में छुपा गया तब विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को मुक्त करके उन्हें पुनः स्थापित किया| कूर्म अवतार- इस अवतार में भगवान विष्णु ने क्षीरसागर समुद्रमंथन के समय मंदर पर्वत को अपने कवच पर संभाला था उनकी सहायता से देवों एंव असुरों ने समुद्र मंथन करके चौदह रत्नों की प्राप्ति की| वराहावतार अवतार- इस अवतार में भगवान विष्णु ने पृथ्वी कि रक्षा की थी, एक पौराणिक कथा अनुसार भगवान ने हिरण्याक्ष नामक राक्षस का वध किया था| हिरण्याक्ष हिरण्यकश्यप का भाई था| नरसिंहावतार- इस अवतार में भगवान श्रीहरि ने हिरण्यकश्यप का वध करके भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी| इसके अलावा वामन अवतार में विष्णु जी बौने के रूप में प्रकट हुए तथा राजा बलि से देवतओं की रक्षा की, त्रेता युग में 'राम' अवतार लेकर लंकापति रावण का वध किया| द्वापर में 'कृष्णावतार' हुआ| इस अवतार में कंस का किया, 'परशुराम अवतार' में विष्णु जी ने असुरों का संहार किया| माना जाता है कि भविष्य में कलयुग का अंत करने के लिए भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे| कल्कि अवतार की कथा- धर्म ग्रंथों में भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के बारे में विस्तृत वर्णन है। उसके अनुसार कल्कि अवतार कलियुग व सतयुग के संधिकाल में होगा। यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा। पुराणों के अनुसार उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद जिले के शंभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नामक तपस्वी ब्राह्मण के घर भगवान कल्कि पुत्र रूप में जन्म लेंगे। कल्कि देवदत्त नामक घोड़े पर सवार होकर संसार से पापियों का विनाश करेंगे और धर्म की पुन:स्थापना करेंगे। भारत में कल्कि अवतार के कई मंदिर भी हैं, जहां भगवान कल्कि की पूजा होती है। यह भगवान विष्णु का पहला अवतार है जो अपनी लीला से पूर्व ही पूजे जाने लगे हैं। जयपुर में हवा महल के सामने भगवान कल्कि का प्रसिद्ध मंदिर है। इसका निर्माण सवाई जयसिंह द्वितीय ने करवाया था। इस मंदिर में भगवान कल्कि के साथ ही उनके घोड़े की प्रतिमा भी स्थापित है।