रविवार, 11 मार्च 2018

अहमियत

दुनिया में हर इंसान की एक अलग अहमियत होती है। हर इंसान का दुनिया में एक महत्वपूर्ण रोल है। कोई इंसान छोटा या बड़ा नहीं होता, बस हमारा मन छोटा या बड़ा होता है।

मैं गुड़गॉव में एक  में काम करता हूँ। हमारे ऑफिस में एक से बढ़कर एक  इंजिनियर हैं। ऑफिस में एक चपरासी भी है जिसे हम  भी कहते हैं।

वो छोटी सी सैलरी में अपने परिवार का गुजारा करता है, देखने में साधारण दिखने वाला वो व्यक्ति यूँ तो केवल एक चपरासी ही है लेकिन कंपनी में उसकी अहमियत इंजीनियरों से भी ऊपर है।

अभी कल की ही बात है- ऑफिस में पूरा स्टाफ मौजूद था लेकिन कल शैलेन्द्र नहीं आया था। एक इंसान जो कि मात्र एक चपरासी था उसके ना होने से पूरे ऑफिस को बहुत ज्यादा परेशानी हुई।

सुबह चाय पीने को नहीं मिली, टेबल पर पानी की बोतल नहीं थी, दोपहर का खाना भी कोई नहीं लाया। उसकी सैलरी बेशक कम है लेकिन उसका रोल हमसे ज्यादा बड़ा है।

दोस्तों किसी की सैलरी या पैसे से उसको छोटा या बड़ा मत आंकिए हर इंसान की अपने आप में एक अलग वैल्यू होती है।

कुछ लोग मजदूर, रिक्शावाला आदि ऐसे लोगों को छोटा मानते हैं उनसे बात भी करना पसंद नहीं करते। लेकिन सोचिये अगर ये मजदूर ना हों तो घर कौन बनाएगा? क्या आप करोड़पति होकर भी अपनी पीठ पर ईंटें लादेंगे? या फिर ये रिक्शावाला ना हों तो सड़क पर चलने में कितनी दिक्कत होगी जरा सोचिये।

भगवान ने इस दुनिया को बहुत सोच समझ कर बनाया है और बहुत संतुलित ढंग से बनाया है। हर इंसान जरुरी है, सबकी अपनी एक अलग कीमत है। किसी इंसान को छोटा या बड़ा मत समझिए। लोग ताजमहल देखकर बहुत खुश होते हैं लेकिन उसकी नींव में जमीं ईंटों को किसी ने नहीं देखा जिनपर पूरा ताजमहल टिका है। अंत में मैं बस इतना ही कहूँगा सबसे प्यार करिये हर इंसान महत्वपूर्ण है।

ग्यानवर्धक कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक शहर में एक राजा रहता था| उस राजा को अपने सभी नगरवासियों से बहुत लगाव और प्रेम था| वह सबकी मदद करने के लिए तत्पर रहता| एक सुबह राजा के यहाँ पर एक फ़क़ीर आया, उसने राजा की खातिरदारी और ईमानदारी देखकर राजा को एक चुटकी जितना सुरमा दिया और कहा कि हे राजन, यह सुरमा कोई सामान्य सुरमा नहीं है, यह चमत्कारी सुरमा है|

फ़क़ीर ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि राजन इस सुरमे को जो भी नेत्रहीन अपनी आँखों में लगाएगा उसका अंधापन दूर हो जाएगा और वह फिर से देखने लगेगा| इतना कहकर फ़क़ीर तो राजा को सुरमा देकर अपनी राह पर निकल पड़ा|


राजा ने सोचा कि हमारे राज्य में नेत्रहीनों की संख्या तो बहुत ज्यादा है और सुरमे की मात्रा भी इतनी है कि सिर्फ एक आदमी ही इस सुरमे को अपनी आँखों में डाल सकता है तो क्यूँ न ऐसे आदमी को यह सुरमा दिया जाए जो हर तरह से इसके लायक हो| इसलिए राजा ने अपने अतिप्रिय आदमी को ही सुरमा देने का निश्चय किया|

राजा को तभी अपने इमानदार और प्रमाणिक वृद्ध मंत्री का ख्याल आया| उस मंत्री ने पूरी उम्र ईमानदारी और निष्ठा से राज्य की सेवा की थी, पर दोनों आँखों में तेज चले जाने से मंत्री को राजकार्य में से विदा लेनी पड़ी| अभी तक राजा को उस मंत्री की कमी महसूस हो रही थी|


राजा ने सोचा कि यदि मंत्री की रौशनी वापस आ जाये तो फिर से राज्य को मंत्री की सही और अनुभव भरी सेवा मिल सकती है, इसलिए राजा ने तनिक भी विचार किये बिना ही मंत्री को बुलाया और उनके हाथ में सुरमे की डिब्बी देकर कहा कि “यह सुरमा आप अपनी दोनों आँखों में लगा दो, यह चमत्कारी सुरमा है इसको आँखों में लगाने से आपकी द्रष्टि वापिस आ जाएगी पर यह सुरमा इतना ही है कि इसे सिर्फ दो आँखों में ही लगा सकते हैं| “

मंत्री ने अपनी एक आंख में सुरमा डाला और उस आंख की रौशनी वापस लौट आई| उसके बाद बाकी बचे सुरमे को मंत्री ने अपनी जीभ पर रख दिया| सब लोगों ने सोचा कि मंत्री पागल हो गया है और राजा ने भी उससे कहा कि मंत्री जी यह आपने क्या किया अब आप एक आंख से नहीं देख सकोगे और सभी प्रजाजन आपको काणा कहकर बुलाएँगे|


मंत्री ने राजा को प्यार से अपनी वाणी से समझाया कि हे राजन आप तनिक भी चिंता न करे, मैं बिल्कुल भी काणा नहीं रहूँगा| मेरी दोनों आँखों की रौशनी वापिस आ जाएगी| इससे ज्यादा मैं सभी नेत्रहीनों को भी रौशनी दे सकूँगा| मंत्री ने अपना राज खोलते हुए कहा कि राजन यह सुरमा चखकर मैंने इसको बराबर परख लिया कि यह किससे बना है, अब यह सुरमा बनाकर में सभी नेत्रहीन नगरवासियों का अंधापन दूर कर सकूँगा|

मंत्री की यह बात सुनकर राजा प्रसन्न हो गए और मंत्री को कहा “यह मेरा और इन नगरवासियों का सदभाग्य है जो हमें आपके जैसा राजमंत्री मिला है, जो केवल अपना न सोचकर सभी का ख्याल करता है| “


Moral of the story : लीडर और मंत्री एक बराबर होते हैं, दोनों को अपने अंडर में काम करने वाले आदमियों के बारे में सोचना चाहिए| अपनी सोच को सिर्फ अपने तक न रखकर सभी को उसका लाभ मिले ऐसा कोई कार्य करो| जो अपने अनुभव और अपनी सोच को सही काम में लगाता है, सही मायने में वही लीडर कहलाने के लायक है| अपने अनुभव को सही जगह पर इस्तेमाल करना सीख गए तो सफलता बहुत जल्द आपके कदम चूमेगी|

पहेली बुझो तो जाने

हिंदी पहेली - ऐसा कौन सा रूम है जिसमें न तो कोई खिड़की है और न ही कोई दरवाजा?
उत्तर (जवाब) - मशरूम।

हिंदी पहेली - कौवा आसमान में उड़ता है मगर रहता कहाँ है?
उत्तर (जवाब) - पानी में (मगर यानि मगरमच्छ)।

हिंदी पहेली - ऐसा कौन सा शहर है जिसे हम खा सकते हैं?
उत्तर (जवाब) - शिमला-मिर्च।

हिंदी पहेली - ऐसी कौन सी चीज है जो कितनी भी चले मगर कभी थकती नहीं?
उत्तर (जवाब) - जीभ।

हिंदी पहेली - वह क्या है जो पति अपनी पत्नी को देता है लेकिन पत्नी अपने पति को नहीं देती है?
उत्तर (जवाब) - सरनेम।

हिंदी पहेली - वह कौन है जो आपकी नाक पर बैठकर आपके कान पकड़ता है?
उत्तर (जवाब) - चश्मा।

Paheli bojho to jane coment kare

1. Kali hai par Kaag Nhai
Lambi hai par Naag Nhai
Balkhati hai par Dor Nhai
Bandhte hai par Dor Nhai
Baato Kya?