गुरुवार, 23 मार्च 2017

राम मंदिर पे निर्देश दे पीएम मोदी मुस्लिम भी सुनेगें उनकी बात

सुप्रीम कोर्ट की राम मंदिर मुद्दे को कोर्ट के बाहर बातचीत से सुलझाने की सलाह के बाद यह मुद्दा एक बार फिर भारतीय राजनीति के केंद्र में हैं. केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में बीजेपी की साथी शिवसेना ने गुरुवार को कहा कि राम मंदिर के मुद्दे पर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपनी योजनाओं को आगे बढ़ा सकती है, क्योंकि इस समय देश में ऐसा माहौल है कि मुस्लिम भी पीएम मोदी के पक्ष में हैं और उनकी बात सुनते हैं. मोदी के निर्देश की जरुरत शिवसेना ने सामना में लिखा कि पिछले 25 वर्षों में देश की राजनीति में काफी बदलाव आया है, आडवाणी अब मार्गदर्शक मंडल के सदस्य हैं तो देश पर पीएम मोदी का शासन है. शिवसेना ने लिखा कि राम मंदिर अब बनना चाहिए, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश की जरुरत है. मुस्लिम सुनेंगे मोदी की बात शिवसेना के अनुसार उत्तर प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड जीत दर्शाती है कि लोगों की इच्छा है कि राममंदिर जल्द बनें. आज पूरा देश पीएम मोदी की बात सुनता है, और मुस्लिम भी मोदी की बात सुनेंगे. उन्होंने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर अपना स्पष्ट फैसला सुना सकता है. लेकिन अगर इस मुद्दे को बाहर सुलझाना है तो अन्ना हजारे, बाबा रामदेव और लालकृष्ण आडवाणी जैसे लोग इस मुद्दे में मदद कर सकते हैं.

मुजफ्फरनगर की नाम बदलने की मांग

मुजफ्फरनगर : ¨हदू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों ने मंगलवार को शिव चौक पर प्रदर्शन कर सिटी मजिस्ट्रेट क मुजफ्फरनगर : ¨हदू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों ने मंगलवार को शिव चौक पर प्रदर्शन कर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया। वाहिनी के जिलाध्यक्ष मुकेश राणा ने मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर करने की मांग की। कहा कि खुले में अवैध रूप से मांस की बिक्री पर तत्काल रोक लगे। पुलिस प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा को प्लान तत्काल बनाए। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार समाप्त कर जाम से निजात की योजना बनाई जाए। बिगड़ी कानून-व्यवस्था में सुधार हो। युवा वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष वैभव त्यागी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी व्यवस्था में तत्काल बदलाव करें। जनता की समस्याओं को प्रमुखता के साथ निस्तारित करें। काम नहीं करने वाले अफसरों की जानकारी मुख्यालय को दी जाएगी। संजय धीमान, विपिन राणा, सुषमा पुंडीर व रवि धीमान मौजूद रहे।" - मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की मांग http://tz.ucweb.com/3_1uoky

लखनऊ मे 100 साल मे पहली बार टुडे कबाब की दुकान सुबह खुली तो चिकन मटन के साथ

है. टुंडे कबाबी की लखनऊ में दो दुकानें हैं- एक अमीनाबाद में और दूसरी चौक के अकबरी गेट इलाके में. 'टुंडे कबाबी' के करीब 100 साल के इतिहास में बुधवार को ये पहला मौका था कि ये दुकान गोश्त की सप्लाई ना होने की वजह से बंद रही. 'आज तक' गुरुवार को अकबरी गेट वाली पुरानी दुकान पर पहुंचा तो दुकान तो खुली थी लेकिन वहां चिकन और मटन के ही कबाब मिल रहे थे. दुकान के मालिक रईस अहमद जिन्हें सब हाजी साहब के नाम से बुलाते हैं, उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि शादी-मौत या त्योहारों को छोड़ दें तो बुधवार को ऐसा पहली बार हुआ कि दुकान बंद रही. उन्होंने बताया कि बूचड़खानें बंद रहने की वजह से बड़े (भैंस) के गोश्त की सप्लाई नहीं हो सकी. गुरुवार को दुकान खुली तो पराठों के साथ सिर्फ चिकन और मटन के ही कबाब बिकते दिखे. मटन के चार कबाब और दो पराठें 70 रुपये में बिके. वहीं चिकन के चार कबाब और दो पराठें 50 रुपये में. रईस अहमद ने बताया कि पराठें पहले की तरह आज भी 5 रुपये में ही बेचे जा रहे हैं. लेकिन बड़े का कबाब 2 रुपये में बेचा जाता था तो अब चिकन-मटन के कबाब की कीमत चार से पांच गुना बैठ रही है. रईस अहमद के मुताबिक कबाब का साइज भी पहले से बड़ा करना पड़ा है. दुकान में मौजूद रईस अहमद के भांजे ने बताया कि आम दिनों की तुलना में बिक्री 10 फीसदी ही रह गई है. वो मुख्यमंत्री से अपील करना चाहते हैं कि अवध का जायका माने जाने वाले इस मुगलई डिश की परंपरा को बचाने के लिए कोई रास्ता निकालें. जहां तक टुंडे कबाब के इतिहास की बात है तो इसकी शुरुआत 115 साल पहले मुराद अली ने शुरू की थी. पीढ़ी दर पीढ़ी ये परंपरा लोगों को टुंडे कबाब का जायका देती आ रही है. रईस अहमद बताते हैं कि टुंडे कबाब के खास जायके के पीछे मसालों का सीक्रेट है. कितनी मात्रा में कौन सा मसाला मिलाना है, यही टुंडे कबाब को खास बनाता है. 'आज तक' ने चौक इलाके में ही हलीम खिचड़े का स्टॉल लगाने वाले शम्सुद्दीन से भी बात की. उन्होंने अब अपने स्टाल पर हलीम खिचड़ा के नीचे चिकन बिरयानी का बोर्ड लगा लिया है. शम्सुद्दीन का कहना है कि जब से हलीम खिचड़ा बंद कर चिकन बिरयानी बेचना शुरू किया है, उनका धंधा बिल्कुल मंदा पड़ गया है. उन्होंने बताया कि दिन में अभी तक एक ही ग्राहक उनकी दुकान पर आया है.