बुधवार, 15 मार्च 2017
बाहुबली :द कन्क्लूजन ,का ट्रेलर आज रिलीज कर दिया गया |
एंड्राइड स्मार्टफोन के ये महत्वपूर्ण कोड आपको जरुर पता होना चाहिये |
अकसर हम जब नया फ़ोन लेने जाते है तो फ़ोन के कॉन्फ़िगरेशन को चेक करने के लिए हम घंटो समय लगाते है क्योंकि हर फ़ोन का इन्टरफेस अलग अलग होता है और हर एक फ़ोन का सेटिंग मेन्यु अलग होता है. इस लिए हमको फ़ोन के बारे जानने के लिए सेटिंग में जा कर देखना पड़ता है जिसमें बहुत ज्यदा टाइम लगता है. इस लिए हम आपको कुछ ऐसे कोडस लाए है जो सभी एंड्राइड डिवाइस के लिए कॉमन है, ये कोड सभी डिवाइस में काम करते है. इन कोड्स को फ़ोन के डायलर में सीधे टाइप करने पर ये डिवाइस की सुचना आपको आपके डिस्प्ले पर दिखा देते हैं. इसके साथ साथ कुछ एसे कॉमन कोड्स भी है जिनको आप डेली यूज़ कर सकते है. इन सभी कोड्स की लिस्ट हमने आपके लिए तैयार की है. जो नीचे दी गयी है एंड्रायड सीक्रेट कोड्स *#*#4636#*#* फ़ोन के बारे में इनफार्मेशन, बैटरी, बैटरी स्टेटिस्टिक्स *#*#7780#*#* फैक्ट्री रिसेट *2767*3855# फ़ोन का पूरा वाइप और फ्रिमवेयर का रिइनस्टॉल *#*#34971539#*#* कैमेरा की जानकारी *#*#7594#*#* पॉवर बटन कॉन्फ़िगरेशन *#*#273283*255*663282*#*#* मीडिया फाइल के जल्दी बैकअप के लिए *#*#197328640#*#* सर्विस एक्टिविटी के लिए टेस्ट मोड *#*#232339#*#* OR *#*#526#*#* वायरलेस लेन टेस्ट *#*#232338#*#* वाई फाई मैक एड्रेस *#*#1472365#*#* क्विक GPS test *#*#0*#*#* LCD डिस्प्ले टेस्ट *#*#0673#*#* OR *#*#0289#*#* ऑडियो टेस्ट *#*#0842#*#* वाइब्रेशन और बैकलाइट टेस्ट *#*#2664#*#* टच स्क्रीन टेस्ट *#*#0588#*#* प्रोक्सिमिटी टेस्ट *#*#3264#*#* रैम वर्शन *#*#232337#*# ब्लूटूथ डिवाइस एड्रेस की जानकारी *#*#8255#*#* गूगल टॉक सर्विस मोनिटरिंग *#*#4986*2650468#*#* PDA, फ़ोन, हार्डवेयर , RF कॉल डेट फर्मवेयर की जानकारी *#06# IMEI नंबर " - एंड्रायड स्मार्टफोन के ये महत्वपूर्ण सीक्रेट कोड आपको जरूर पता होने चाहिए! http://tz.ucweb.com/3_10R2A
चीन को पछाड़ने के लिए उत्तर प्रदेश को गुजरात बनना जरुरी
युपी को कैसे बनायगें मोदी गुजरात ,ईन 6 छ: बातों पर रखनी होगी नीव
सफेद रसगुल्ला बनाने की बिलकुल आसान विधि
Follow सामग्री दूध - 2 लीटर चीनी - 4 कप नींबू का रस - 1 बड़ा चम्मच अरारोट - 1 बड़ा चमच पानी - 2 कप रसगुल्ला बनाने के लिये मुख्य सामग्री छैना है, जिसे हम ताजी छैना कह कर डेयरी से ला सकते हैं या दूध से हम इसे घर पर बना सकते हैं. यदि हमको छैना घर पर बनाना हैं तो सबसे पहले हम रसगुल्ले बनाने के लिये छैना बनायेगे. छैना बनाने के लिये दूध को किसी भारी तले वाले बर्तन में निकाल कर गरम कीजिये. दूध में उबाल आने के बाद नीबू का रस डालते हुये चमचे से चलाइये. दूध जब पूरा फट जाय, दूध में छैना और पानी अलग दिखाई देने लगे तो तुरन्त आग बन्द कर दीजिये. छैना को कपड़े में छानिये और ऊपर से ठंडा पानी डाल दीजिये ताकि नीबू का स्वाद छैना में न रहे. कपड़े को हाथ से दबा कर अतिरिक्त पानी निकाल दीजिये. रसगुल्ला बनाने के लिये छैना तैयार है. छैना को बड़ी थाली में निकाल लीजिये, एरोरूट और बेकिंग पाउडर मिला कर छैना को अच्छी तरह मथिये. छैना को इतना मथिये कि वह चिकना गुथे हुये आटे की तरह दिखाई देने लगे. रसगुल्ला बनाने के लिये छैना तैयार है. इस छैने से थोड़ा थोड़ा छैना निकाल कर. पौन इंच से लेकर एक इंच व्यास के छोटे छोटे गोले बना कर प्लेट में रख लीजिये. सारे रसगुल्ले के लिये गोले इसी तरह बना लीजिये और इन्हें आधे घंटे के लिये किसी गीले कपड़े से ढक कर रख दीजिये. 300 ग्राम चीनी और 1 लीटर पानी किसी बर्तन में डाल कर गरम कीजिये. जब पानी खौलने लगे तो छैने से बने गोले पानी में डाल दीजिये. बर्तन को ढक दीजिये, इन छैना के गोलों को, 20 मिनिट तक मीडियम आग पर उबलने दीजिये. रसगुल्ले पक कर फूल जायेंगे, गैस बन्द कर दीजिये. रसगुल्ले चीनी के पानी में ही ठंडे होने दीजिये. लीजिये छैना के रसगुल्ले तैयार हैं. ठंडा होने के बाद, रसगुल्लों को फ्रिज में रख दीजिये और अब ठंडा ठंडा रसगुल्ला (Bengali Rasgulla) परोसिये और खाइये. सावधानियां • 1. छैना ताजा और फुल क्रीम दूध से बनायें. •2. छैना से निचोड़ कर पानी पूरी तरह निकाल दीजिये. •3. छैना और एरोरूट मिला कर इतना मथिये कि छैना आटे की तरह चिकना लगने लगे. .4रसगुल्ला फटने का कारण, मिश्रण में बेकिंग पाउडर ज्यादा हो गया था या मैदा कम थी. आप एक गोला बना कर चाशनी में डाल कर देख लीजिये, अगर एसा हो तो मिश्रण में थोड़ी सी मैदा और मिला लीजिये. .5.रसगुल्ले में अरारोट डाला जा सकता है,इस बार आप रसगुल्ले बनाते समय बेकिंग सोडा मत डालिये(बेकिंग सोडा थोड़ा सा अधिक हो तो रसगुल्ले फट जाते हैं) उबालते समय गैस फ्लेम को मीडियम रखे, रसगुल्ले अच्छे बनेगें. .6.छैना में मैदा की थोड़ी मात्रा अधिक होने से रसगुल्ले कम स्पंजी हो सकते हैं. 7.अगर छैना में मैदा थोड़ी भी अधिक हो जाय तो रसगुल्ला सख्त हो सकते हैं, रसगुल्ले उबलते पानी में डाले जाते हैं और तेज गैस फ्लेम पर ही पकाये जाते हैं. 8.अगर रसगुल्ले टूट रहे हैं तब मावा में थोड़ा मैदा और मिलाया जा सकता है, इसके लिये आप घी में 1-2 रसगुल्ले तल कर देख सकती हैं और मावा को ठीक करके फिर से रसगुल्ले बना सकती हैं. 9.मैदा भी डाली जा सकती है, मात्रा एरोरूट के बराबर ही ले लीजिये. 10.अरारोट एरोरूट पलान्ट की जड़ो से बनता है, मैदा की तरह होता है और बाइन्डर का काम करता है. एरोरूट की जगह कार्न फ्लोर भी डाला जा सकता है. 11.अगर छैना अच्छी तरह से न मथा गया तो भी छैना रसगुल्ला फट जाते हैं 12. 621 Dislike" - सफ़ेद रसगुला बनाने की बिलकुल आसान विधि http://tz.ucweb.com/3_Ysq5
सैक्सन शिक्षा युवाओं के लिये जरुरी
उम्र महज 20 साल है. वह अविवाहित है, लेकिन कैसे गर्भवती हो गई, दिया के मातापिता की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उन से कहां कमी रह गई? क्या दिया की परवरिश में कहीं कोई कमी रह गई थी? क्या वे अपनी जवान हो रही बेटी की हरकतों पर समय की कमी के चलते ध्यान नहीं दे पाए? दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक अच्छे कालेज में पढ़ने वाली दिया के मातापिता को जब उस के गर्भवती होने की बात पता चली तो वे सन्न रह गए. उन्होंने तुरंत सामान पैक किया और दिया को ले कर दिल्ली से बाहर दूसरे शहर चले गए, ताकि बात आसपड़ोस या फिर रिश्तेदारों में न फैले. शहर के बाहर उस के पिता ने किसी अच्छे डाक्टर से उस का गर्भपात कराया और कुछ समय तक वहीं होटल में रहे. बाद में उसे दिल्ली वापस ले आए. यह उदाहरण सिर्फ दिया का ही नहीं है, बदलते समय के साथसाथ यंगस्टर्स की सोच में काफी बदलाव आया है, पश्चिमी सभ्यता उन के सिर चढ़ कर बोल रही है. उम्र का यह दौर ऐसा होता है कि अगर मातापिता बच्चों को कुछ समझाएं तो उन्हें समझ नहीं आता. उन्हें पूरी दुनिया गलत नजर आती है. एक अनुमान के मुताबिक, भारत की मैट्रो सिटीज से ले कर गांवों तक 25 से 30 फीसदी युवतियां किसी न किसी कारण गर्भपात कराती हैं. ये आंकड़े 25 साल से कम उम्र की युवतियों के हैं. अधकचरी जानकारी में टीनऐज में गर्भपात के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. सरकारी संस्था नैशनल सैंपल सर्वे औफिस के आंकड़ों पर गौर करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में 20 साल से कम उम्र की युवतियों में गर्भपात का प्रतिशत मात्र 0.7 है, जबकि शहरों में यह 14% है. युवती की बढ़ जाती हैं मुश्किलें अविवाहिता जब संबंध बनाती है तब क्या सही और क्या गलत है, इस का खयाल तक उस के दिमाग में नहीं आता. तब मन गहरे समंदर में प्यार के गोते लगाता है. इस के दुष्परिणाम तब सामने आते हैं जब कम उम्र में युवती गर्भवती हो जाती है. इस उम्र में न तो प्रेमी शादी के लिए तैयार होता है और न ही प्रेमिका. लिहाजा, दोनों के सामने बस एक ही रास्ता होता है और वह है गर्भपात. जब यह बात घर वालों को पता चलती है तो पूरे घर में बवंडर आ जाता है जो लाजिमी है, लेकिन इस गलती का युवती को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. उसे न केवल गर्भपात जैसे जटिल दौर से गुजरना पड़ता है बल्कि कई तरह की मानसिक परेशानियों से भी दोचार होना पड़ता है. प्रेमी के बदलते रवैए और घर वालों के तानों से पीडि़ता डिप्रैशन में चली जाती है जबकि कई मामलों में युवती ऐसे हालात में मौत को भी गले लगा लेती है. कौन है जिम्मेदार देश में अब टीनऐजर्स के लिए गर्भपात कोई नई बात नहीं है. युवा पहले शादी फिर सैक्स जैसी बातों को अब दकियानूसी मानते हैं और इस की वजह है उन्हें आसानी से सबकुछ उपलब्ध हो जाना, ऐसे में वे क्यों शादी का इंतजार करें और जिम्मेदारियों के बोझ तले दब जाएं. इस के पीछे मुख्य कारण एकल परिवार भी है, जहां मातापिता दोनों कामकाजी हैं. ऐसे में वे बच्चों पर ज्यादा निगरानी नहीं रख पाते. बच्चे अकेले टीवी पर क्या देख रहे हैं या फोन पर क्या डाउनलोड कर रहे हैं, ये सब देखने की उन्हें फुरसत ही नहीं है. आजकल टीवी और इंटरनैट के माध्यम से सब चीजें उपलब्ध हैं, जिस के दुष्परिणाम आगे चल कर हमारे सामने गर्भपात के रूप में आते हैं. प्रेमी का व्यवहार भी है इस की वजह प्यार की शुरुआत में तो सबकुछ अच्छा लगता है और कई बार युवती इस उम्मीद में रिश्ता भी बना लेती है कि उस की प्रेमी से शादी हो जाएगी, लेकिन जब वह गर्भ ठहरने की बात प्रेमी को बताती है तो अधिकतर मामलों में वह प्रेमिका से पीछा छुड़वाने की भरपूर कोशिश करता है. वह न तो बच्चे को अपना नाम देना चाहता है और प्रेमिका से शादी करने से भी मना कर देता है, जिस के चलते युवती के पास सिवा गर्भपात के कोई उपाय नहीं बचता और फिर उसे कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है. इस से न केवल उस का स्वास्थ्य प्रभावित होता है बल्कि मानसिक रूप से भी उसे गहरा सदमा लगता है. गर्भपात के बाद युवती खुद को अलगथलग महसूस करती है. बारबार उसे लगता है कि उस के साथ धोखा हुआ है. धीरेधीरे उस के व्यवहार पर भी इस का गहरा असर दिखाई देता है. गलती दोनों की यदि शादी से पहले कोई युवती गर्भवती हो गईर् है तो इस में सिर्फ उस की ही गलती नहीं है, जितनी दोषी वह युवती है उतना ही दोष उस युवक का भी है. दोनों इस में बराबर के हकदार हैं. हमारा समाज शादी से पूर्व युवती के गर्भवती होने पर उसे कई तरह के ताने जैसे बदचलन, कुलटा, कलमुंही कह कर उस का तिरस्कार करता है, लेकिन उस युवक का क्या, जो गर्भ में पल रहे बच्चे का बाप है? क्या उस का कोई कुसूर नहीं? लिहाजा, किसी एक पर गलती का दोष न डाला जाए तो अच्छा है. कैसे निबटें ऐसे हालात से अगर आप कामकाजी या हाउसवाइफ हैं तो जरूरी है कि अपने बढ़ते बच्चों का ध्यान रखें. वे क्या कर रहे हैं, कब कहां जा रहे हैं, किस से बात कर रहे हैं? इन सब बातों को नजरअंदाज न करें बल्कि बच्चे का खयाल रखें, उस के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करें. ध्यान रखिए डराधमका कर वह आप को कभी कुछ नहीं बताएगा. यदि आप का बच्चे के साथ व्यवहार दोस्ताना रहेगा तो वह आप के साथ सारी बातें शेयर करेगा. उस का फोन और लैपटौप भी समयसमय पर चैक करते रहिए. हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप जासूसी कीजिए, लेकिन यदि आप कभीकभार ये सब चीजें चैक करेंगे तो आप को पता चल जाएगा कि आप का बच्चा किस दिशा में जा रहा है. सैक्स शिक्षा बच्चों के लिए आज काफी अहम हो गई है. स्कूलकालेजों में यदि सैक्स शिक्षा दी जाए तो बच्चों को इस के सही और गलत प्रभाव का पता चल जाएगा जिस से टीनऐज में गर्भपात के हालात से निबटा जा सकता है." - सैक्स शिक्षा युवाओं के लिए जरूरी http://tz.ucweb.com/3_Yrse