सोमवार, 13 मार्च 2017

भुतपूर्व महान क्रिकेटर सचिन तेन्दुलकर पर एक नज़र

सचिन तेंदुलकर भूतपूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेन्दुलकर सचिन तेंदुलकर विश्व कप ट्रॉफी के साथ व्यक्तिगत जानकारी पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर उपनाम लिटिल मास्टर,तेंदेल्या,क्रिकेट के भगवान,[1] मास्टर ब्लास्टर,[2] द मास्टर,[3][4] द लिटल च्याम्पियन कद साँचा:Infobox person/height बल्लेबाजी की शैली दायें हाथ गेंदबाजी की शैली दायें हाथ लेग स्पिन, अफ स्पिन, मध्यमगति भूमिका बल्लेबाजभारतीय क्रिकेट टीम के बैटिंग कोच अंतरराष्ट्रीय जानकारी राष्ट्रीय भारत टेस्ट में पदार्पण (कैप २००) १५ नवंम्बर १९८९ बनाम पाकिस्तान अंतिम टेस्ट १४ नवंम्बर २०१३ बनाम वेस्टइंडीज वनडे पदार्पण (कैप ७४) १८ दिसम्बर १९८९ बनाम पाकिस्तान अंतिम एक दिवसीय १८ मार्च २०१२ v पाकिस्तान एक दिवसीय शर्ट स॰ १० घरेलू टीम की जानकारी वर्ष टीम १९८८–२०१३ मुम्बई २००८–२०१३ मुंबई इंडियंस (आईपिएल) १९९२ योर्कसायर कैरियर के आँकड़े प्रतियोगिता टेस्ट ओडिआई एफसी एलए मैच २०० ४६३ ३१० ५५१ रन बनाये १५,९२१ १८,४२६ २५,३९६ २१,९९९ औसत बल्लेबाजी ५३.७९ ४४.८३ ५७.९२ ४५.५४ शतक/अर्धशतक ५१/६८ ४९/९६ ८१/११६ ६०/११४ उच्च स्कोर २४८* २००* २४८* २००* गेंद किया ४,२४० ८,०५४ ७,५६३ १०,२३० विकेट ४६ १५४ ७१ २०१ औसत गेंदबाजी ५४.१७ ४४.४० ६२.१८ ४२.१७ एक पारी में ५ विकेट ० २ ० २ मैच में १० विकेट ० - ० - श्रेष्ठ गेंदबाजी ३/१० ५/३२ ३/१० ५/३२ कैच/स्टम्प ११५/- १३५/- १७४/- १७५/- स्रोत : [5] क्रिकइन्फो, १५ नवंम्बर २०१३ सचिन रमेश तेंदुलकर (अंग्रेजी उच्चारण:/səˈtʃɪn tɛnˈduːlkər/, जन्म: 24 अप्रैल 1973) क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ौं में गिने जाते हैं। भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं।[6] राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। सन् २००८ में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है। सन् १९८९ में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के पश्चात् वह बल्लेबाजी में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में १४००० से अधिक रन बनाने वाले वह विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय मैचों में भी उन्हें कुल सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है। [7] उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुम्बई के लिये १४ वर्ष की उम्र में खेला था। उनके अन्तर्राष्ट्रीय खेल जीवन की शुरुआत १९८९ में पाकिस्तान के खिलाफ कराची से हुई। सचिन क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रायोजित खिलाड़ी हैं और विश्व भर में उनके अनेक प्रशंसक हैं। उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हैं जिनमें सबसे प्रचलित लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर है। क्रिकेट के अलावा वह अपने ही नाम के एक सफल रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं। तत्काल में वह राज्य सभा के सदस्य हैं, सन् २०१२ में उन्हें राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था।[8] क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पर फिल्म ‘सचिन – ए बिलियन ड्रीम्स’ बन रही हैं।[9] इस फ़िल्म का टीज़र भी बहुत रोमांचक हैं। टीजर में एक ऐसे इंसान को उसी की कहानी सुनाते हुए देखेंगे जो एक शरारती बच्चे से एक हीरो बनकर उभरता है। ख़ुद सचिन तेंदुलकर का भी ये मानना है कि क्रिकेट खेलने से अधिक चुनौतीपूर्ण अभिनय करना है।सचिन – ए बिलियन ड्रीम्स’ का निर्माण रवि भगचंदका ने किया है और इसका निर्देशन जेम्स अर्सकिन ने। व्यक्तिगत जीवन खेल पद्धति क्रिकेट के कीर्तिमान टेस्ट क्रिकेट से संन्यास सम्मान इन्हें भी देखें सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ

पुर्व कोच माही का भविष्य तैय करेगी चैंपियन्स ट्राफी

महेंद्र सिंह धोनी के बचपन के कोच केशव बनर्जी ने कोलकाता में कहा कि तीन महीने में होने वाली चैम्पियंस ट्राफी भारत के इस सबसे सफल क्रिकेट कप्तान के भविष्य का फैसला करेगी. चैम्पियंस ट्राफी पर है पूरा ध्यानबनर्जी ने एक अंडर 14 टूर्नामेंट के लांच के दौरान कहा कि फिलहाल उसका पूरा ध्यान चैम्पियंस ट्राफी पर है, अगर वह वहां सफल होता है तो मुझे लगता है कि वह विश्व कप 2019 तक खेलेगा. बनर्जी का मानना है कि सफलता के प्रतिशत में गिरावट के बावजूद दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर में से एक धेानी अब भी काफी चतुर हैं. कोच बोले कि यह नैसर्गिक है कि आयु बढ़ने के साथ आप उसी स्ट्राइक रेट के साथ रन नहीं बना सकते, लेकिन उसकी इच्छा शक्ति और खेल का आकलन करने की क्षमता दो ऐसी चीजे हैं जो उसे विशेष बनाती हैं. चैम्पियंस ट्राफी से पहले खुद को लय में रखने के लिए वह विजय हजारे ट्राफी खेल रहा है. पुणे के फैसले से हैरानीवर्ष 2014 में आस्ट्रेलिया में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहकर सबको हैरान करने वाले धोनी ने जनवरी में भारत की सीमित ओवरों की टीम की कप्तानी भी छोड़ दी थी. इंडियन प्रीमियर लीग 10 के लिए जिस तरह राइजिंग पुणे सुपर जाइंट्स ने धोनी को कप्तानी से हटाया उससे भी बनर्जी नाखुश हैं. उन्होंने कहा कि मुझे यह टीम के मालिकों का फैसला लगता है क्योंकि धोनी के पास इस सत्र में खेलने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.

गिब्स का खुलासा उस मैच मे वह नशे मे थे

वनडे क्रिकेट के इतिहास के सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करने का रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के नाम पर है, इस लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल करने के पीछे पूर्व दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज हर्शल गिब्स की 175 रनों की जादुई पारी थी. अब हाल ही में गिब्स ने इस पारी को लेकर एक बड़ा खुलासा करा है, गिब्स ने बताया है कि उस मैच के दौरान वह नशे में थे और नशे की हालत में ही उन्होंने वह पारी खेली थी. गिब्स ने बताया कि उस मैच से पहले की रात उन्होंने काफी शराब पी थी और मैच वाले दिन वह हैंगओवर में थे. ये सभी राज गिब्स ने अपनी ऑटोबायोग्राफी के जरिये खोले हैं. उनकी किताब का नाम 'टू द पॉइंट : द नो होल्ड्स बार्रेड ऑटोबायोग्राफी' है. गौरतलब है कि 2006 में खेले गए उस मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 434 का पहाड़ सा लक्ष्य खड़ा किया था, वहीं उसके जवाब में गिब्स ने 111 गेंदों में 175 रनों की धुआंधार पारी खेली थी, उनकी पारी के दम पर ही दक्षिण अफ्रीका ने इस लक्ष्य को पाया था.

BJP के जीत से झुमका संन्सेस

विधानसभा चुनावों में बीजेपी की शानदार जीत का असर सेंसेक्स पर भी देखने को मिल रहा है. होली की छुट्टी के बाद मंगलवार को बाजार में तेजी देखी गई. निफ्टी ने रिकॉर्ड को छुआ. वहीं रुपया भी साल भर के सबसे बड़े स्तर पर पहुंच गया है. बाजार खुलते ही सेंसेक्स 600 प्वाइंट्स बढ़कर 29,561.93 पहुंच गया. बताया जा रहा है कि यूपी में बीजेपी को मिली शानदार जीत के कारण निवेशकों का विश्वास बढ़ा है. निफ्टी रिकॉर्ड लेवल पर मंगलवार सुबह निफ्टी अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. #Nifty नई ऊंचाई पर पहुंचते हुए 9,122.75 के स्तर पर पहुंच गया. ओपनिंग ट्रेड में यह निफ्टी की सबसे बड़ी उछाल है. इससे पहले 4 मार्च 2015 को निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा था. चुनाव के बाद पहले कारोबारी सत्र में विदेशी निवेशकों द्वारा की गई खरीदारी से निफ्टी में रिकॉर्ड 2.1 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई. बाजार के जानकारों का मानना है कि विदेशी निवेशकों का बाजार के प्रति रुझान बढ़ने के पीछे बीते हफ्ते 5 विधानसभा चुनावों के आए नतीजों में बीजेपी की जीत अहम है. दिन के शुरुआती कारोबार में बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स ने 615 अंकों की उछाल के साथ 2.12 फीसदी की बढ़त दर्ज की. बाजार के जानकारों का दावा है कि शेयर बाजार में इस तेजी के पीछे निवेशकों की उम्मीद है 2019 के लोकसभा चुनावों में एक बार फिर नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने की उम्मीद बढ़ गई है. गौरतलब है कि इन 5 राज्यों में बीजेपी की जीत से विदेशी निवेशकों और विदेशी बैंकों को उम्मीद है कि सत्तारूढ़ पार्टी की राज्य सभा में गिनती कम से कम 30 सदस्यों से बढ़ जाएगी, जिससे देश में बड़े आर्थिक सुधारों के साथ-साथ विदेशी निवेश की स्थिति में बड़ा सुधार होगा.

बेजिटेवल मंचुरियन ग्रिरेवी सुपर बनाने की विधि

गाजर, पत्ता गोभी और शिमला मिर्च जैसी हरी सब्जियों से बना वेजिटेबल मंचूरियन ग्रेवी बहुत ही स्वादिष्ट और मसालेदार चायनीज व्यंजन है। आप इसे स्टार्टर की तरह अकेला भी परोस सकते है और चायनीस शेजवान फ्राइड राइस के साथ भी। कॉर्न फ्लोर की मसालेदार ग्रेवी में डूबे मंचूरियन बॉल्स आपको ज़रूर पसंद आएंगे। इस रेसिपी का अनुसरन करके वेजिटेबल मंचूरियन ग्रेवी बनाना सीखिये। पूर्व तैयारियों का समय: 10 मिनट पकाने का समय: 35 मिनट कितने लोगो के लिए: 6 अंग्रेज़ी में वेजिटेबल मंचूरियन ग्रेवी रेसिपी पढ़े (Read in English) सामग्री: मंचूरियन के गोलों के लिए 1/3 कप मैदा 2 टेबलस्पून कॉर्न फ्लोर (कोर्न स्टार्च) 3/4 कप कद्दूकस किया हुआ गाजर 3/4 कप कद्दूकस की हुई पत्ता गोभी 1/2 कप बारीक कटी हुई शिमला मिर्च 1 बारीक कटी हुई हरी मिर्च r1/2 टीस्पून काली मिर्च पाउडर 1 चुटकी अजीनोमोटो, यदि आप चाहें 1 टीस्पून + तलने के लिए तेल नमक, स्वादानुसार ग्रेवी के लिए 2 टीस्पून पीसा हुआ अदरक 2 हरी मिर्च, 2 लम्बे हिस्सों में कटी हुई 1 टेबलस्पून बारीक कटा हुआ लहसुन 2 टेबलस्पून बारीक कटा हुआ हरा प्याज (स्प्रिंग अनियन) 1 टेबलस्पून तेल 2 टेबलस्पून सोया सॉस 1/2 टेबलस्पून चिली सॉस 2 टेबलस्पून टमाटर का केचप 1 टीस्पून काली मिर्च पाउडर 2 टेबलस्पून कॉर्न फ्लोर (कोर्न स्टार्च) 1 कप + 2 कप पानी नमक, स्वादानुसार मंचूरियन के गोले बनाने की विधि (Veg Manchurian Banane Ki Vidhi Hindi Me): एक बाउल में कद्दूकस किया हुआ गाजर, कद्दूकस की हुई पत्ता गोभी, कटी हुई शिमला मिर्च, कटी हुई हरी मिर्च, 1 टीस्पून तेल, काली मिर्च पाउडर, 1 चुटकी अजीनोमोटो, मैदा, कॉर्न फ्लोर और नमक डालिए। सारी सामग्री को अच्छे से मिला ले और मिश्रण में से छोटे छोटे गोले बना ले। मिश्रण में पानी डालने की ज़रुरत नहीं क्योंकि सब्जियों में से निकला हुआ पानी गोले बनाने के लिए काफी है। अगर मिश्रण सुखा हो और गोले अच्छे से नहीं बन रहे तो ज़रुरत के मुताबिक थोडा सा पानी डाल सकते है। एक कडाही में तेल गरम करे। बनाये हुए गोलों को मध्यम आँच पर सुनहरा होने तक तले और एक थाली में निकाल ले (अधिक तेल सोखने के लिए थाली पर किचन पेपर नैपकिन बीछा दे)। वेजिटेबल मंचूरियन की ग्रेवी बनाने की विधि: 2 टेबलस्पून कॉर्नफ्लोर को एक कप सादे पानी में घोलिये। एक कडाही में 1 टेबलस्पून तेल गरम करे। बारीक कटा हुआ अदरक, बारीक कटा हुआ लहसुन, कटी हुई हरी मिर्च और कटा हुआ हरा प्याज़ डालकर एक मिनट के लिए भूने। इसके बाद सोया सॉस, चिली सॉस और टमाटर का केचप डालकर एक मिनट के लिए भूने। 2 कप पानी, काली मिर्च का पाउडर और नमक डालकर मिश्रण को उबालने रखे। जब वह उबलना शुरू हो जाये उसके बाद उसे 1 मिनट के लिए पकने दे। पानी में घुला हुआ कॉर्न फ्लोर डाले और ग्रेवी की सारी सामग्री को अच्छे से मिला ले। इसे धीमी आँच पर 1 मिनट के लिए पकने दे। तले हुए मंचूरियन के गोले डालकर मध्यम आँच पर 3 मिनट के लिए पकने दे। गैस को बंद करके इसे हरे प्याज़ से सजाइए। गरम और मसालेदार मंचूरियन को चायनीस फ्राइड राइस या नूडल्स के साथ परोसे। सुझाव और विविधता: सब्जियों के मिश्रण में पानी डालने की ज़रुरत नहीं है क्योंकि सब्जियों में से छूटने वाला पानी ही गोले बनाने के लिए पर्याप्त होगा। अगर मिश्रण सूखा लगे तो जरुरत के मुताबिक थोडा पानी डाल सकते है। शुरू में ग्रेवी को पतला रखिये क्योंकि पकने के बाद वह गाढ़ी हो जाएगी। मंचूरियन के गोलों को परोसने से ठीक पहले ही बनाइये वरना वह सब्जियों की नमी की वजह से नरम हो जाएंगे। इस रेसिपी में चायनीस फ्लेवर लाने के लिए अजीनोमोटो का इस्तेमाल किया गया है। अगर आप के पास अजीनोमोटो उपलब्ध नहीं है या आप इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते, तो आप अजीनोमोटो डाले बिना भी मंचूरियन बना सकते है। स्वाद: सब्जियों से बने हुए मंचूरियन बॉल्स स्वादिष्ट ग्रेवी के साथ परोसने के तरीके: इसे हक्का नूडल्स या फ्राइड राइस के साथ रात के खाने में परोसिये या फिर अकेले ही इस गरमा-गरम मसालेदार रेसिपी का मज़ा उठाइए।

बेजिटेवल सुपर बनाने की विधि

अगर सर्दियों के दिनों के दौरान ठंड में गर्म वेजिटेबल सूप मिल जाये तो मजा आ जाता है। यह पौष्टिक मिक्स वेजिटेबल सूप घर पर बनाना बहुत ही आसान है और इसे तरह तरह की ताजी सब्जियां जैसे कि गाजर, पत्ता गोभी, मकई के दाने, हरी बिन्स का उपयोग करके बनाया जाता है। आप अपनी पसंद और उपलब्धता के अनुसार कोई भी सब्जियाँ डाल सकते है। तो आईये आज हम इस रेसिपी का पालन करके घर पर सुप बनाना सीखते है। ‹ › पूर्व तैयारियों का समय: 10 मिनट पकाने का समय: 20 मिनट कितने लोगो के लिए: 3 अंग्रेज़ी में वेजिटेबल सूप रेसिपी पढ़े (Read in English) सामग्री: 2 टेबलस्पून कटा हुआ हरा प्याज (या सामान्य प्याज) 2 टीस्पून लहसुन, बारीक़ कटा हुआ 1/3 कप कटा हुआ गाजर 1/3 कप कटी हुई पत्ता गोभी 1/3 कप मकई के दाने 1/3 कप कटी हुई फ्रेंच बीन्स (हरी बीन्स) 1/4 टीस्पून काली मिर्च का पाउडर 1/2 टेबलस्पून विनेगर (सिरका) 2 टेबलस्पून कॉर्नफ्लोर (कॉर्नस्टार्च) 1/2 टेबलस्पून बटर या तेल 2½ कप पानी या वेजिटेबल स्टॉक नमक स्वाद अनुसार विधि (Vegetable Soup Banane Ki Vidhi Hindi Me): सभी सब्जियों (गाजर, पत्ता गोभी, फ्रेंच बीन्स, हरा प्याज और लहसुन) को जैसे तस्वीर में दिखाया गया है वैसे छोटे टुकड़ों में काट लें। 2 टेबलस्पून कॉर्नफ्लोर एक छोटी कटोरी में डालें। 3 टेबलस्पून पानी डालें और अच्छी तरह से मिला के घोल बना लें। एक बड़े और भारी तले वाले गहरे सॉस पैन या पतीले में मध्यम आंच पर 1/2 टेबलस्पून तेल या बटर गरम करें। कटा हुआ हरा प्याज और लहसुन डालें। 1-2 मिनट के लिए भून लें। गाजर, पत्ता गोभी, मकई के दाने, फ्रेंच बीन्स और नमक (केवल सब्जियों के लिए) डालें। 3-4 मिनट के लिए भून लें। 2½ कप पानी या वेजिटेबल स्टॉक डालें। अच्छी तरह से मिला ले और मिश्रण को उबलने के लिए रखें। जब यह उबलना शुरू होता है तब नमक डालें (सब्जियों के लिए पहले से नमक डाला गया है तो आवश्यकता अनुसार ही नमक डालें)। काली मिर्च पाउडर डालें। कॉर्नफ्लोर-पानी का घोल डालें और एक मिनट के लिए लगातार चमचे से चलाते रहें ताकि गांठे ना बने। मिश्रण गाढ़ा हो जाये और कच्चे कॉर्नफ्लोर का स्वाद ना आये तब तक पकाइये। इसमें लगभग 7-8 मिनट का समय लगेगा। विनेगर (सिरका) डालें और मिश्रण को अच्छी तरह से मिला लें। अब सूप को चख लें और अगर जरुरत लगे तो अधिक नमक या विनेगर या काली मिर्च का पाउडर डालें। गैस बंद कर दें। मिक्स वेजिटेबल सूप को परोसने के कटोरे में निकाले और परोसें। सुझाव और विविधता: इस रेसिपी में आप अपनी पसंद के अनुसार सब्जियां डाल सकते है और अगर आपको कोई सब्जी का स्वाद पसंद नहीं है तो उसे सूप में मत डालें। आप शिमला मिर्च, हरी मटर, फूलगोभी, टमाटर आदि, सब्जियां भी डाल सकते हैं। कॉर्नफ्लोर सूप को गाढ़ा करने के डाला गया है। अगर आप को गाढ़ा सूप पसंद नहीं करते है तो 1/2 टेबलस्पून कम कॉर्नफ्लोर डालें। स्वाद: नमकीन और हल्का तीखा परोसने के तरीके: वेजिटेबल सूप (सब्जी का सूप) सर्दियों की शाम में रात के खाने से पहले या गार्लिक ब्रेड और हक्का नूडल्स के साथ शाम के खाने में परोस सकते है। संबंधित व्यंजनों - स्टेप के फोटो साथ वेजिटेबल पराठा

पकाने की विधि : लहसुन स्टीक और वेजी कटोरे

से व्यंजनों महीने की एक मुट्ठी फिर से, मैं पागलपन रणनीतियों मेरे रोजमर्रा के जीवन को आसान बनाने के लिए खोज रहा था। यहां तक ​​कि मेरी रसोई क्षेत्र दिनचर्या दिया गया एक शानदार मुर्गियों को मारने में कुछ नहीं भी प्रतिरक्षा होना करने के लिए महत्वपूर्ण है या भी कॉम्पैक्ट था। यह तो था मैं अपने आप से अनुरोध किया: क्यों मैं प्रत्येक व्यक्ति के भोजन के लिए लहसुन काटना करने के लिए क्या करना है? मैं यह कठिन काम भी हर दिन पर ले जाने के लिए तुच्छ एक प्रभाव प्रस्तुत हल है, और ज्यादातर यह टल – और लहसुन – काफी कुछ महीनों के लिए। यह सप्ताह में सिंक करने के लिए ले लिया है, लेकिन मुझे लगता है की की मेरी व्यंजन एक छोटे से फ्लैट थे, एलियम की दिलकश अंतर्धारा लापता बहुत से महसूस करने के लिए शुरू किया। आनन्दित मेरे दोनों हर रोज जीने प्राप्त (अपेक्षाकृत) को संभालने और मेरी रसोई क्षेत्र प्रस्तुत करने के लिए लहसुन की वापसी, मैं इन लहसुन स्टेक और वेजी कटोरे बनाया से कम है। वे लहसुन का 6 लौंग काट शामिल है, जबकि, वे एक तेजी से weeknight भोजन इस सर्वव्यापी अभी तक विशेष मसाला सम्मान करने के लिए कर रहे हैं। स्वाद का एक बहुत कुछ के साथ एक कम रखरखाव शाम का भोजन मेरी नई कम रखरखाव रसोई क्षेत्र के व्यवहार के कुछ छड़ी थी, तथापि, और उनमें से कुछ इस भोजन में प्रस्तुत करते हैं। मैं इस तथ्य यह एक सस्ती टुकड़ा हो सकता है और कम से कम दस मिनट में रात का खाना तैयार कर सकते हैं के कारण पार्श्व स्टेक चुना है। मैं भी जमे हुए सब्जियों के लिए चुना क्योंकि वे शून्य प्रस्तुत करने का शामिल है और यह भी तुरंत रात का खाना तैयार करते हैं। अंत में, मांस और सब्जियों भूरे रंग के चावल की एक हार्दिक बिस्तर, जो मैं आमतौर पर हाथ में है पर बैठते हैं, बचे हुए एक और भोजन से या रविवार बैच खाना पकाने से। इस आम sideliner स्टार बनाने के लिए पर्याप्त – कार्यक्रम के लिए, वहाँ निश्चित रूप से लहसुन का भार है। सफलता मसालेदार होने के बिना चटपटा रहे हैं, ताकि बच्चों को बस के रूप में काफी पिता और माँ के रूप में करते हैं उस में प्रसन्न। लहसुन स्टीक और वेजी कटोरे में कार्य करता है चार आधा किलो पार्श्व स्टेक 6 लौंग लहसुन, बारीक कटा, विभाजित एक मध्यम चूना का रस दो बड़े चम्मच इसके अलावा एक चम्मच जैतून का तेल, विभाजित तीन / चार चम्मच कोषेर नमक, विभाजित एक कप ब्राउन चावल दो कप पानी एक (दस-औंस) बैग में जमे हुए हलचल तलना सब्जियों स्टेक, लहसुन लौंग के तीन, नीबू का रस, तेल का एक बड़ा चमचा, और एक गैलन आकार ज़िप की अग्रणी बैग में नमक की एक / दो चम्मच स्थिति। बैग सील, अत्यधिक हवा बाहर दबाने, और अपनी उंगलियों से जुड़े समान रूप से वितरित करने के लिए पदार्थों रगड़ें। सर्द बहुत कम से कम एक घंटे में और चार घंटे तक। अंत में झिलमिलाता तक मध्यम गर्मी पर एक मध्यम सॉस पैन में तेल के एक चम्मच गरम करें। , चावल और टोस्ट, कभी कभी सरगर्मी डालें अंत में अखरोट और खुशबूदार तक। , पानी डालें करने के लिए बड़ी गर्मी बढ़ाने, और एक फोड़ा करने के लिए ले जाने के लिए। कवर और कम करने के लिए गर्मी में कमी। कुक अंत में जब तक पानी अवशोषित कर लेता है और चावल के बारे में पैंतालीस मिनट के माध्यम से पकाया जाता है। गर्मी से दूर स्पष्ट और स्टैंड की अनुमति है, लाइन, दस मिनट से अधिक के लिए। बड़े गर्मी पर एक बड़ा महत्वपूर्ण आधार कड़ाही गरम करें। मसालेदार पार्श्व स्टेक डालें और रात का खाना तैयार है जब तक अंत में 1 पहलू को ठीक से ढंग से और खस्ता, चार में 5 मिनट के लिए किया जाता है। पलटें और एक मध्यम रास स्टेक के लिए दूसरा पहलू पर दोहराएँ। विश्राम करने के लिए एक टुकड़ा करने की क्रिया बोर्ड पर स्थानांतरण। कड़ाही रात के खाने के स्टेक तैयार करने के लिए कार्यरत बाहर साफ कर लें। अंत में झिलमिलाता जब तक शेष एक चम्मच जैतून का तेल और मध्यम बड़ी गर्मी पर गर्मी डालें। सब्जियों डालें, शेष लहसुन, और एक / चार चम्मच नमक शेष। Sauté अंत में जब तक सब्जियों की, 5 से 7 मिनट तरह से गरम कर रहे हैं। प्रदान करने के लिए, बारीकी अनाज की दिशा में स्टेक टुकड़ा। चार कटोरे के बीच चावल फूट डालो। कटा हुआ पार्श्व स्टेक और सब्जियों के साथ मेजर। पकाने की विधि नोट्स ब्राउन चावल: का प्रयोग करें भूरे रंग के चावल precooked या प्रगति में रात के खाने के भूरे रंग के चावल तैयार करने और एक और अधिक तेजी से शाम का खाना तैयार करने के लिए rewarm । भंडारण:। बचा अप करने के लिए चार बार के लिए फ्रिज में एक कंटेनर में संग्रहित किया जा सकता है

धनियाँ की वैज्ञानिक खेती कैसे करे-

धनिया की वैज्ञानिक खेती कैसे कर- जानिए कैसे आप भी धनिया की खेती कर के अपने पैरो पर खड़े हो सकते हैं | जानिए Coriander Farming को वैज्ञानिक तरीके से कैसे इस business को बढ़ा पर profit कमाया जा सकता है | प्राचीन काल से भारत को ‘मसालो की भूमि’ कहा जाता है | भारत में कई प्रकार के मसाला पाए जाते है जो हमारे भोजन को स्वादिष्ट एवं सुगन्धित बनाता है | इन्ही मसालों में एक है जिसे धनिया कहा जाता है | धनिया के पत्ते और बीज दोनों को हम मसाला के रूप में इस्तेमाल करते है | पत्ते का इस्तेमाल ताजा मसाला के रूप में बल्कि बीज का इस्तेमाल सुखा मसाला के रूप में करते है | धनिया का इस्तेमाल / Uses of Coriander धनिया एक प्रकार का बहूपयोगी मसाला है, इसका इस्तेमाल सिर्फ मसाले के रूप में नहीं होता है | इसमे कई प्रकार के औषधीय गुण होने के कारण इसे दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है | इसका इस्तेमाल सिर्फ मसाला के रूप में ना होकर कई लोग इसे अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर सब्जी के रूप में भी इस्तेमाल करते है | बहुत से लोग इसका चटनी बनाकर अपने भोजन के साथ लेना ज्यादा पसंद करते है | बहुत से लोग इसके पत्ते का इस्तेमाल करते है, तो कई लोग इसके बीज का | और बहुत से जगहों पर तो इसके जड़ का भी इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है किया जाता है | धनिया के फायदे प्राचीन काल से भारत के हर एक रसोई में धनिये का इस्तेमाल चला आ रहा है | धनिया में मौजूद औषधिये गुण के कारण आज भी इसका इस्तेमाल जारी है और वर्षो इसका इस्तेमाल जारी रहेगा | तो आइये आज जानते है धनिया के औषधिये गुण | धनिया, सौफ और मिश्री को बराबर मात्र में मिलाकर चूर्ण बना ले | अब इस चूर्ण को नियमित भोजन के उपरांत लेने से शरिर में होने वाले जलन से जल्द राहत मिलेगी | अगर आपका पाचन क्रिया सही से काम नहीं कर रहा है, या आपके पेट में गैस है तो आप इन सब से छुटकारा पाने के लिए धनिया की चाय के सेवन से दूर किया जा सकता है | 20 ग्राम धनिया के हरी पत्ती में चुटकी भर कपूर को मिलकर पिस ले और इसका रस के 2-2 बूंद दोनों नाक में डाले | और थोडा सा रस माथे पर लगा कर हल्का मालिश करे इससे नकसीर की बीमारी ठीक हो जाती है | धनिया का नियमित इस्तेमाल त्वचा के लिए फायदेमंद माना गया है | इसके साथ ही धनिया खून में मौजूद इन्सुलिन की मात्रा को नियंत्रित कर हमे diabetes से दूर रखता है | धनिया, जीरा और Sweet flag की बनी काढ़ा सर्दी और खांसी का रामबाण इलाज है | अधिक जानकारी के लिए आप धनिया के औसधीय फायदे यहाँ पढ़े | धनिया की खेती कैसे सुरुवात करे / How to start Coriander Farming धनिया बहुगुणी होने के कारण इसकी खेती पुरे भारत वर्ष में बड़ी जोर सोर से की जाती है | आम तौर पर आपको घर घर पर धनिया की खेती देखने को मिलेगा चाहे वो इसे खुद का इस्तेमाल के लिए करे | अक्सर लोग इसका इस्तेमाल अपने भोजन में किया करते है | आज इसका बाजार मांग काफी बढ़ गयी है, धनिया की खेती के लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता नहीं है ये कम पूंजी पर और समय पर अच्छी उपज देने वाले फसलो में से एक है | तो आइये आज हम जानते है धनिया की खेती कैसे की जाती है | जलवायु एवं भूमि किसी भी फसल के लिए ये बेहत important है की जलवायु और भूमि फसल के अनुकुल हो | धनिया शीतोष्ण जलवायु का फसल है, इसके उत्तम production के लिए शुष्क और ठंडा मौसम सबसे उचित माना गया है | प्रारंभिक समय में बीजो के अंकुरण के लिए 25-26oC तापमान की आवश्यकता होती है | अगर आप धनिया के उच्च गुणवत्ता के लिये शुष्क और ठंडा मौसम, तेज धूप, समुद्रतल से अधिक ऊंचाई के साथ ऊंचहन भूमि की आवश्यकता होती है । धनिया की खेती आम तौर पर किसी भी मिट्टी में की जा सकती है, परन्तु धनिया की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी सर्वोत्तम माना गया है | साथ ही मिट्टी का Ph मान 6.5-7.5 होनी चाहिए | भूमि की तैयारी खेती करने के पूर्व हमे खेत को फसल के अनुरूप तैयार कर लेनी चाहिए | खेती से पहले खेतो में रसायनिक खाद के जगह जैविक खाद का इस्तेमाल करे तो ये फसल और खेत दोनों के लिए लाभकारी होता है | इसलिए खेतो में जैविक खाद (गोबर) का इस्तेमाल करना चाहिए | खेतो में फसल के पहले 4-5 जुटाई कर के मिट्टी को अच्छी से भुर-भुरी कर ले, अंतिम जुटाई से पहले खेतो में आवश्यकता नुसार गोबर या कम्पोस्ट खाद मिलकर एक और जुताई कर के पाटा चला लेना चाहिए | इसे भी पढ़े कैसे करे कपास की खेती विस्तार में | धनिया के प्रजाती अन्य फसलो के मुताबिक धनिया के भी कई प्रजातीय पाई जाती है, सभी प्रजातियों का अपना उत्पादन क्षमता है | कृषक को खेती के लिए सही बीज का चुनाव करना आवश्यक है | तो आइये आज जानते है धनिया के प्रजातियों के बारे में Type Duration (inDays) Production (in qq/ak.) हिसार सुगंध 120-125 7-8 आर सी आर41 130-140 3-4 कुंभराज 115-120 5-6 आरसीआर435 110-130 4.5-5.5 आरसीआर 436 90-100 4.5-5.5 आरसीआर446 110-130 5-5.5 जी सी 2(गुजरात धनिया 2) 110-115 6-6.5 आरसीआर684 110-120 5-5.5 पंत हरितमा 120-125 6-8 सिम्पो एस 33 140-150 7-8 जे डी-1 120-125 5-6 एसीआर1 110-115 4-5 सी एस 6 115-120 5-6 आर सी आर480 120-125 5-6 आर सी आर728 125-130 5.5-6 धनिया पत्ते के बिज के दाम / Price of Coriander Seeds अच्छी पैदावार के लिए आपको धनिया के अच्छे बिज लेने होंगे जो की लगभग Rs 80 से 100 per kg के बिच में मिल जायेंगे | ध्यान रहे की आप Coriander के Seeds अच्छी ब्रांड के ले ताकि पैदावार अच्छी हो | बीज की बुवाई का समय धनिया रबी फसल होने के कारण इसकी बुवाई अक्टूबर और नवम्बर के मध्य करना सबसे अच्छा होता है | भारत के कई क्षेत्रो में इसकी बुवाई मई से अगस्त के मध्य भी करते है, परन्तु इसके बुवाई का उचित समय October से November के मध्य वाला समय उचित है | बीज की बुवाई बीज को बोने से पहले इसका उपचार करना बेहद अवश्यक है इसके उपचार से बिज में होने वाले बीमारी नहीं होगी और अंकुरण अच्छा होगा | साथ ही बीजोपचार फसल को कई रोगों और किट पतंगों से दूर रखता है | एक किलोग्राम बीज के उपचार के लिए कार्बेंन्डाजिम, थाइरम 2:1 की मात्र में 3 ग्रा. या कार्बोक्जिन और थाइरम 3 ग्रा. के साथ ट्राइकोडर्मा विरिडी 5 ग्रा. मिलाकर उपचार करे | बीज को जनित रोग से बचाने के लिए बीज को स्टे्रप्टोमाईसिन 500 पीपीएम से उपचारित करना फायदेमंद होता है | मुख्यतः धनिया की बुवाई दो प्रकार से होती है सिंचित और असिंचित | सिंचित में हम बीज को एक पंक्ति में लगाते है जिसमे पंक्तियों को दुरी 20-30 cm और पौधो के आपस से दुरी 10-15 cm राखी जाती है | इस विधि में बीज की लागत 6-8 kg प्रति एक्कड़ होती है, जो असिंचित से कम है और साथ ही इसमे production भी ज्यादा होता है | असिंचित खेती में बीज को किसी पंक्ति में नहीं लगाया जाता है, इसमे हम बीज को खेतो में छिडकाव करते है जिससे बीज सभी जगहों पर सामान्य अन्तराल पर न हो कर कही पर अधिक और कही कम होता है, जिसके कारण इस विधि में production अधिक नहीं होता है | इस विधि में बीज की खपत 10-12 kg प्रति एक्कड़ होता है | खाद एवं रख-रखाव जमीन में फसल के लिए पर्याप्त तत्व नहीं होने के कारण हम खेती से पहले खतो में अक्सर गोबर आदि का इस्तेमाल करते है | धनिया का फसल के 20 दिन के हो जाने के बाद हमे पौधो में जीवामर्त का छिडकाव करना चाहिए | साथ ही हमे समय समय पर दहनीय के पौधो के साथ निकलने वाले खरपतवार को निकाल कर हटा देना चाहिए | ये पौधे के विकास को रोकता है और साथ ही production को कम करता है | किट नियंत्रण अन्य फसलो के मुताबिक इस में भी किट का प्रकोप आप देख सकते है, परन्तु इस फसल में अन्य फसलो के मुताबिक किट कम पाए जाते है | चैंपा – धनिया के खेती में आक्रमण करने वाला कीटो में से ये पहला किट है | मुख्यतः ये देखा गया है कीटो का आक्रमण पौधो पर पुष्प के आरम्भ होने पर होता है, परन्तु चैंपा धनिया के पौधे के आरंभ में आक्रमण करता है, और ये इसके कोमल अंगो से रस को चूसता है | नियंत्रण – चैंपा को पौधो से दूर रखने के लिए नीम के तेल को गौ मूत्र में मिलाकर पौधो पर छिडकाव करना चाहिए | रोग एवं रोकथाम / Common Diseases फसल के उपज को प्रभावित करने वाले कारणों में से एक कारण पौधो में लगने वाले रोग भी है | रोग पौधो को नुकसान पंहुचाकर इसके विकास को प्रभावित करता है | आइये जानते है धनिया में पाए जाने वाला प्रमुख रोग एवं इनके रोकथाम | उकठा – उकठा धनिया में पाए जाने वाले रोगों में से सबसे खतरनाक है, इसके कारण पौधे मुरझा जाते है और इनका विकास रुक जाता है | इस बीमारी से बचने के लिए खेती से पहले खेत की अच्छी से गहरी जुताई करनी चाहिए | साथ ही खेत में उचित फसल चक्र का इस्तेमाल करना चाहिए और बीज लगाने से पहले बीजोपचार करना कभी नहीं भूलना चाहिए | तना व्रण – तना व्रण को स्टेम गांल के नाम से जाना जाता है | इस बीमारी में पौधे के उपरी भाग संक्रमण के कारण सुख जाते है | इससे बचने के लिए बीज को बोने से पहले नीम के तेल या गौ मूत्र से अवश्य उपचारित करे | पाला – ठण्ड के दिनों में फसल में अक्सर पाले का शिकायत सुनाने को मिलता है | फसल में पाला पड़ने के कारण भरी नुकसान पहुचता है | इसके असर को कम करने का सबसे आसन तरीका है गोबर के उपलों की रख, जी हा इस राख का छिडकाव कर आप पौधो को पाला से बचा सकते है | बाजार मुल्य / Market Rate वैसे तो खुले market में धनिया पत्ते का दाम अमूमन Rs 80 से लेकर Rs 120 per kg तक रहती है, पर जब आप धनिया की खेती कर रहे होंगे तो आपको इसे सीधे मंडी में sell करना होगा जहाँ पर आपको Rs 30 से Rs 50 तक प्रति किलो मिल जायेगा | Production अगर सही तरीके से धनिया की उन्नत खेती की जाये तो आपको per acer से 400-600 Kg का production मिल सकता है | उस हिसाब से: 400 Kg * Rs 50 = Rs 20,000 आपको per acer आसानी से INR 20,000 की तो कमाई पक्की है और खर्चा केवल बिज, खाद और पाने पटाने में जो मोटर का खर्चा आएगा वो लगभग Rs 2,000 तक maximum expenses आएगा | उस हिसाब से अगर आप 3 या 4 acer में Coriander ki farming करते है तो : 4 acer * Rs 20,000 = Rs 80,000 (minus) Rs 5,000 —————————————- Total Net Profit: Rs 75,000 —————————————- आपको 75,000 आसानी से 4 महीने में कम लेंगे | उस हिसाब से अगर साल में आप 3 बार भी धनिया पत्ते की खेती करते है तो Rs 2,00,000 तक तो कही नहीं जा रहा है | परन्तु ध्यान रहे की ऊपर दिया गया calculation इस हिसाब से जोड़ा गया है की अगर आप खुद से खेत में काम करते है और किसी labor को काम पर नहीं लगते है | और यह भी बतलाना जरुरी है की 1 acer में इसकी खेती करने से आपको उतना मुनाफा शायद नहीं मिल पाए, इसलिए पड़ी पैमाने पर ही इसके करने पर फायदा आपको मिलेगा |

mal jhalkauva milal ba


#OneCroreOnePlus contest

#OneCroreOnePlus

I voted for #OnePlus3T as India's Best Rated Smartphone. Participate and you can win Rs 1 crore #OneCroreOnePlus https://oneplusstore.in/onecrore?referrer=23206756 भाईयों onepuls मोबाइल जिसमे 1croreका ईनाम है जो 26 जनवरी को lucky draw diya जायेगा तो ईस लिंक से join करे

Startup india का लिंक

http://200startupindia.in/ ईस linkसे आपको 200,छोटे बडे़ करने के तरीके आपको मिल जायेगें तो अभी टब करे *और देखे