ग्राम पंचायत के कार्य
ग्राम पंचायतों का मुख्य कार्य ग्रामीण विकास में सहयोग करना तथा ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम सभा में निर्णय की प्रक्रिया में आम आदमी को जोड़ना है। बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 के अनुसार ग्राम पंचायतों को निम्न कार्य आवंटित किए गए हैं :-
• संसाधनों के प्रबंधन व उत्पादन संबंधी कार्य
• ग्रामीण व्यवस्था व निर्माण संबंधी कार्य
• मानवीय क्षमता वृध्दि संबंधी कार्य
• कृषि तथा कृषि विस्तार
• सामाजिक और फार्म वनोद्योग,लघु वन उत्पाद, र्इंधन और चारा
• पशुपालन, दुग्ध उद्योग व मुर्गी पालन
• मछली पालन
• खादी, ग्राम तथा कुटीर उद्योग
• ग्रामीण स्वच्छता एवं पर्यावरण
• ग्रामीण गृह निर्माण
• पेयजल व्यवस्था
• सड़क, भवन, पुल, पुलिया, जलमार्ग
• विद्युतीकरण एवं वितरण
• गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोत
• जनवितरण प्रणाली
• सार्वजनिक संपत्ति का रख-रखाव
• बाजार तथा मेले
• ग्रामीण पुस्तकालय तथा वाचनालय
• खटालों, कांजी हाऊस तथा ठेला स्टैण्ड का निर्माण एवं रख-रखाव
• कसाईखानों का निर्माण एवं रख-रखाव
• सार्वजनिक पार्क, खेलकूद का मैदन आदि का रख-रखाव
• सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ादान की व्यवस्था
• झोपड़ियों एवं शेडों का निर्माण तथा नियंत्रण
• सामान्य कार्य के अधीन योजना बनाना एवं बजट तैयार करना, अतिक्रमण हटाना तथा बाढ़- सुखाड़ आदि प्राकृतिक आपदाओं के समय आम जन को सहायता प्रदान करना, गाँव के अनिवार्य सांख्यिकी ऑंकड़ों को सुरक्षित रखना
• धर्मशालाओं, छात्रावासों एवं अन्य वैसे ही संस्थानों का निर्माण एवं उसका रख-रखाव करना
• शिक्षा, प्राथमिक व माधयमिक स्तर तक
• वयस्क तथा अनौपचारिक शिक्षा
• लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
• महिला व बाल विकास
• गरीबी उन्मूलन (गरीबी हटाना)
• कमजोर वर्गो विशेष रूप से अनुसूचित जाति तथा जनजाति का कल्याण
• सामाजिक, सांस्कृतिक तथा खेलकूद को बढ़ावा देना
• शारीरिक एवं मानसिक रूप से नि:शक्त व्यक्तियों के लिए सामाजिक कल्याण
उपरोक्त कार्यों के अतिरिक्त समय-समय पर सरकार द्वारा जो कार्य पंचायत को सौंपे जायेंगे, वह उन्हें कार्यान्वित करेगी।