New thinking and stories
रविवार, 5 अप्रैल 2020
New Thinking
हर सास की सोच बहुँ के प्रति, भूतकाल की सोच से सोचतीं हैं, परन्तु बहुँ बर्तमान की सोच से चलती हैं, इसलिए दोनों का सामंजस्य बैठना कठीन होता हैं |
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