शुक्रवार, 10 मार्च 2017
BJP जिती तो जनता नोट बंदी से भी कडे फैसले के लिए रहे तैयार
देश में पांच राज्यों के चुनाव नतीजे कुछ घंटों में आपके सामने होंगे. इन नतीजों में राज्यों की नई सरकार तो तय होगी ही लेकिन खासतौर पर उत्तर प्रदेश चुनाव का नतीजा फैसला करेगा कि 8 नवंबर को केन्द्र सरकार द्वारा लिया गया नौटबंदी का फैसला सही था या गलत. इसके साथ ही, अगर विधानसभा चुनाव के नतीजे मोदी के पक्ष में आ गए तो जनता को नोटबंदी से भी कड़े फैसलों के लिए तैयार रहना पड़ सकता है.
क्यों मोदी लेंगे और सख्त फैसले मोदी ने नोटबंदी के बाद 50 दिन तक अपने कई भाषणों में आर्थिक और करप्शन फ्री सिस्टम के लिए सुधार की बात की थी. इसके लिए उन्होंने कई मौकों पर कहा था- हम यही नहीं रुकेंगे, नोटबंदी से भी कड़े फैसले लिए जाएंगे.
Exclusive Election Result TV: अंजना ओम कश्यप के साथ Live
और क्या हो सकते हैं कड़े फैसले 1. मोदी सरकार नोटबंदी की तरह बेनामी प्रॉपर्टी को लेकर सरकार बड़ा कदम उठा सकती है. कानून पहले से पास है और जल्द ही उसे लागू करने की योजना है.
2. सब्सिडी में कटौती मोदी कई मौकों पर जनता को सब्सिडी छोड़ने के लिए कह चुके हैं. उनकी अपील पर पिछले तीन साल में लाखों लोगों ने एलपीजी सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ी है.
3. गोल्ड मोनेटाइजेशन में सख्ती सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को सख्त कर सकती है.
4. GST लागू करना
GST लागू होने के बाद राज्यों में महंगाई बढ़ेगी. इससे पार पाने के लिए शायद ही केंद्र सरकार कोई कदम उठाए. महंगाई बढ़ने का सबसे बड़ा कारण ये हो सकता है कि वन टैक्स पॉलिसी के लागू होने से छोटे और मध्यम कारोबारियों को नुकसान होगा.
Assembly Election Results 2017: चुनाव नतीजों की विस्तृत करवेज Live
5. बैंक रिफॉर्म
बैंक डिफॉल्टर के खिलाफ सख्त होगी सरकार मोदी सरकार बैंकों का पैसा मारकर बैठे लोगों के खिलाफ सख्त हो सकती है. स्टेट बैंक का मर्जर इसी लिए चल रहा है. कुछ ऐसी एजेंसियां भी खुद को सामने ला रही हैं जो बैंकों से उनको मिलने वाला कर्ज खरीद सकती हैं और फिर उसे वे अपने ढंग और मनमानी तरीके से वसूलेंगी. 6. नोटबंदी में गड़बड़ी करने वालों पर गिरेगी गाज नोटबंदी के दौरान कई प्राइवेट बैंकों ने गड़बड़ी की थी. सरकार ने उनसे सीसीटीवी फुटेज रखने के लिए कहा था. कई खातों में पैसे डाले गए थे, उनकी जांच शुरू होगी.
मोदी ने जब लिया था नोटबंदी का फैसला? 8 नवंबर को प्रधानमंत्री ने देश में सर्वाधिक प्रचलित 500 और 1000 रुपये की लगभग 86 फीसदी करेंसी को प्रतिबंधित कर दिया था. इस फैसले का पूरे देश पर व्यापक असर पड़ा. आम आदमी बैंक और एटीएम की लाइनों में खड़ा हो गया. तो देशभर में कैश पर आधारित कारोबार ठप पड़ गया. कैश की तंगी और गिरते आर्थिक आंकड़ों से केन्द्र सरकार भी सकते में आ गई.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें