करगिल युद्ध के 10 चौंकाने वाले राज, जानिए कब-कब झूठा साबित हुआ था पाकिस्तान श्रीनगर. कश्मीर हमेशा से एक विवादित क्षेत्र रहा है। पाकिस्तान ने कई बार इसे भारत से छीनने का प्रयास किया है। पाकिस्तान की कोशिशों को भारत के सिपाहियों ने हर बार नाकाम कर दिया। करगिल की लड़ाई भी ऐसी ही एक जाबाज जंग की कहानी है। इस लड़ाई में हमारे सैनिकों ने पाकिस्तानी फौज का जमकर मुकाबला किया था। पाकिस्तानी घुसपैठियों ने लगातार गोलियां चलाई और हमारे सैनिकों ने उन्हें सामने से जवाब दिया। इस साल कारगिल का 17वां विजय दिवस मानाया जाएगा इस मौके पर आपको बता रहा है कारगिल युद्ध से जुड़े चौंकाने वाले राज.... और पढ़ें 2 of 13 करगिल सेक्टर में लड़ाई शुरू होने से पहले जनरल परवेज मुशर्रफ ने एक हेलिकॉप्टर से नियंत्रण रेखा पार की थी और भारतीय भूभाग में करीब 11 किमी अंदर एक स्थान पर रात भी बिताई थी। 3 of 13 पाकिस्तान के लगभग 2700 सैनिकों ने इस युद्ध में जान गंवाई थी। #2. जब पकड़ाया पाकिस्तान का झूठ... एक बड़े खुलासे के तहत पाकिस्तान का दावा झूठा साबित हुआ कि करगिल लड़ाई में मुजाहिदीन शामिल थे। यह लड़ाई पाकिस्तान के नियमित सैनिकों ने लड़ी। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व अधिकारी शाहिद अजीज ने यह राज उजागर किया था। 4 of 13 बेनेजीर भुट्टो #3. बेनेजीर भुट्टो के आगे रखा था युद्ध का प्रस्ताव - पत्रकार वीर सांघवी को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व पाकिस्तान पीएम बेनजीर भुट्टो ने बताया था कि मुशर्रफ ने मेरे सामने युद्ध में जीतने और श्रीनगर पर कब्जे की बात कही थी। - बेनजीर ने इसे खारिज कर दिया था। क्योंकि उन्हें डर था कि पाकिस्तान को श्रीनगर से ही नहीं, बल्कि आजाद कश्मीर से भी हाथ धोना पड़ सकता है। - बता दें कि उस वक्त मुशर्रफ उस दौरान डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स थे। - बेनजीर के मुताबिक जब हमने जनरल जिया के नेतृत्व में सियाचिन को गवायां था तभी से ऐसे कोई कदम उठाने की तैयारी हो रही थी। 5 of 13 पाकिस्तानी सेना करगिल युद्ध को 1998 से अंजाम देने की फिराक में थी। #4. 1998 से युद्ध को अंजाम देने की फिराक में थी पाकिस्तान पाकिस्तानी सेना करगिल युद्ध को 1998 से अंजाम देने की फिराक में थी। इस काम के लिए पाक सेना ने अपने 5000 जवानों को कारगिल पर चढ़ाई करने के लिए भेजा था। 6 of 13 करगिल की लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी एयर फोर्स के चीफ को पहले इस ऑपरेशन की खबर नहीं दी गई थी। #5. मना कर दिया था एयर फोर्स चीफ ने साथ देने से करगिल की लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी एयर फोर्स के चीफ को पहले इस ऑपरेशन की खबर नहीं दी गई थी। जब इस बारे में पाकिस्तानी एयर फोर्स के चीफ को बताया गया तो उन्होंने इस मिशन में आर्मी का साथ देने से मना कर दिया था। 7 of 13 करगिल का युद्ध पाकिस्तानी सेना के लिए एक आपदा साबित हुआ था। #6. पाकिस्तान के लिए आपदा साबित हुआ पाकिस्तान के उर्दू डेली में छपे एक बयान में नवाज शरीफ ने इस बात को स्वीकारा था कि करगिल का युद्ध पाकिस्तानी सेना के लिए एक आपदा साबित हुआ था। पाकिस्तान ने इस युद्ध में 2700 से ज्यादा सैनिक खो दिए थे। पाकिस्तान को 1965 और 1971 की लड़ाई से भी ज्यादा नुकसान हुआ था। 8 of 13 भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ कारगिल युद्ध में मिग-27 और मिग-29 का प्रयोग किया था। #7. कारगिल युद्ध में मिग-27 और मिग-29 का प्रयोग भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ कारगिल युद्ध में मिग-27 और मिग-29 का प्रयोग किया था। मिग-27 की मदद से इस युद्ध में उन स्थानों पर बम गिराए जहां पाक सैनिकों ने कब्जा जमा लिया था। इसके अलावा मिग-29 करगिल में बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ इस विमान से पाक के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलें दागी गईं थीं। 9 of 13 करगिल की लड़ाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस युद्ध में वायुसेना के करीब 300 विमान उड़ान भरते थे। #8. वायुसेना के करीब 300 विमान उड़ान भरते थे 8 मई को कारगिल युद्ध शुरू होने के बाद 11 मई से भारतीय वायुसेना की टुकड़ी ने इंडियन आर्मी की मदद करना शुरू कर दिया था। करगिल की लड़ाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस युद्ध में वायुसेना के करीब 300 विमान उड़ान भरते थे। 10 of 13 कारगिल की ऊंचाई समुद्र तल से 16000 से 18000 फीट ऊपर है। #9. ऊंचाई की थी दिक्कत करगिल की ऊंचाई समुद्र तल से 16000 से 18000 फीट ऊपर है। ऐसे में उड़ान भरने के लिए विमानों को करीब 20,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ना पड़ता है। ऐसी ऊंचाई पर हवा का घनत्व 30% से कम होता है। इन हालात में पायलट का दम विमान के अंदर ही घुट सकता है और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। 11 of 13 300 से अधिक तोपों, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चरों ने रोज करीब 5,000 बम फायर किए थे भारत ने । #10. कारगिल युद्ध में तोपखाने (आर्टिलरी) से 2,50,000 गोले और रॉकेट दागे गए भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध में तोपखाने (आर्टिलरी) से 2,50,000 गोले और रॉकेट दागे गए थे। 300 से अधिक तोपों, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चरों ने रोज करीब 5,000 बम फायर किए थे। लड़ाई के महत्वपूर्ण 17 दिनों में प्रतिदिन हर आर्टिलरी बैटरी से औसतन एक मिनट में एक राउंड फायर किया गया था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहली ऐसी लड़ाई थी, जिसमें किसी एक देश ने दुश्मन देश की सेना पर इतनी अधिक बमबारी की थी। 12 of 13 मुशर्रफ ने परमाणु हथियार तक इस्तेमाल करने की तैयारी कर ली थी। #11. परमाणु हथियार का होने वाला था इस्तेमाल... जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने 1998 में परमाणु हथियारों का परीक्षण किया था। कई लोगों का कहना है कि करगिल की लड़ाई उम्मीद से ज्यादा खतरनाक थी। हालात को देखते हुए मुशर्रफ ने परमाणु हथियार तक इस्तेमाल करने की तैयारी भी कर ली थी। 13 of 13 करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिका के तत्कालीन प्रेसिडेंट बिल क्लिंटन को फोन कर व्हाइट हाउस में अकेले में मिलने का समय मांगा। #12. बिल क्लिंटन को नहीं था पाकिस्तान पर भरोसा - करगिल युद्ध में पूरी दुनिया में शर्मिंदगी उठा रहे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिका के तत्कालीन प्रेसिडेंट बिल क्लिंटन को फोन कर व्हाइट हाउस में अकेले में मिलने का समय मांगा। - जवाब में क्लिंटन ने साफ कह दिया कि वह अमेरिका तभी आए जब आप भारतीय क्षेत्र से बाहर निकलेंगे। - हालांकि 4 जून 1999 को शरीफ एक प्राइवेट प्लेन में वॉशिंगटन चुपके से गए थे। उस वक्त उन्होंने करगिल विवाद को खत्म करने के समझौते पर क्लिंटन से चर्चा की थी। - इस दौरान बिल क्लिंटन ने अपने डिफेंस सेक्रेटरी ब्रूस रिडेल को कमरे में बिठाए रखा। उन्हें डर था कि कही शरीफ इस चर्चा में अपने मन से कुछ जोड़ न दे।
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