नमस्कार दोस्तों केसे हो आप सब. दोस्तों आज हम लेकर बॉलीवुड फिल्मों में बोले जाने वाले झूठ का असली सच. अगर आप को ये पोस्ट पसंद आती हैं तो लाइक और कमेंट जरूर करें.
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1.चेहरा बदलना
अक्सर फिल्मों में देखा होगा कि प्लास्टिक सर्जरी के बाद इंसान का चेहरा बिल्कुल बदल जाता है और अगर आप इस बात पर भरोसा करते हैं तो आप गलत हैं. चाहे कितनी भी मंहगी प्लास्टिक सर्जरी इंसान हो वो के चेहरे को पूरी तरह से नहीं बदल सकती है. हां इससे आपके रंग को जरूर बदला जा सकता है लेकिन चेहरा नहीं.
2.माँ बेटे में से एक को बचाया जा सकता है.
मां को बचाये या फिर उसके बच्चे को, ये चीज बॉलवुड फिल्मों में बहुत देखने को मिलती है. 80 और 90 के दशक में आपने की कई फिल्मों में ये सवाल पूछते हुए डाक्टर को सुना ही होगा लेकिन क्या आपको पता है कि कानून के हिसाब से एक डॉक्टर को ऐसी स्थिति में मां को ही बचाना होता है. बॉलीवुड फिल्मों में फालतू ही ये सवाल पूछकर सीन को और ज्यादा इमोशनल बनाया जाता है.
3.हॉस्पिटल में भर्ती से पहले फॉर्म फरो
कई फिल्मों में देखा होगा आपने कि डॉक्टर किसी मरते हुए मरीज को देखकर भी दया नहीं करता है और उन्हें पहले अस्पताल का फॉर्म भरने को कहता है. संजय दत्त की फिल्म मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस. का एक पूरा सीन ही इसके ऊपर था. इन्हें देखकर लगता है कि फिल्म बनाने वालों ने कभी भी एमरजेंसी का नाम नहीं सुना होगा. हर हास्पिटल में एक वार्ड बनाया जाता है जिससे जरुरतमंद मरीज को तुरंत मदद दी जा सके और फ़ार्म भरने का कोई रूल नहीं होता है.
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4.मरे हुए इंसान का जिंदा हो जाना
आपने कई फिल्मों में देखा होगा कि पहले हीरो फ़िल्म में मर गया है लेकिन फिर अचानक हीरोइन एक आवाज देने पर वो ज़िंदा जाता है और हीरोइन को बचा लेता है. साइंस के अनुसार एक मरे हुए इंसान को जिंदा करना नामुमकिन होता है. इंसान को जिंदा करने की इस प्रोसेस को मेडिकल भाषा में डीफिब्रिलेशन कहा जाता है जो हॉस्पिटल में ही पूरी हो सकती है लेकिन इसमें भी ज़िंदा होने की कोई गारंटी नहीं होती है.
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5.किसी चलती हुई गाड़ी पर सही निशाना लगाना
बॉलीवुड फिल्मों का हीरो सच में ही हीरो होता है क्योंकि वो कहीं से भी और कुछ भी कर सकता है. हीरो एक चलती हुई गाड़ी या हेलीकाप्टर से निशाना लगा कर विलेन को मार सकता है और उस हीरो का निशाना कभी चूकता नहीं है.
6.जब मन हुआ तो बारिश शुरू कर दी
क्या आपने कभी देखा है कि आपका कभी प्यार का मन हुआ हो और आपके मन में आये कि काश अब बारिश हो जाये और फिर सच में बारिश शुरू हो जाए. हमारी बॉलीवुड फिल्में साइंस को तो झूठा साबित कर ही चुकी थी अब नेचर भी उनके सामने कुछ नहीं है. फ़िल्मों में जब भी हीरो-हीरोइन के गाने का मन हुआ बारिस शुरु हो जाती है.
7.बम विस्फोट रोकना
आपने कई फिल्मों में देखा होगा कि हीरो को कहीं बम मिला और उसने बम विस्फोट होने से पहले तीन तारों में से एक तार को काट देता है सबको बचा बम विस्फोट से बचा लेता है. अब फ़िल्म डायरेक्टर्स को कौन बताए कि बताये कि बम डिफ्यूज करने बम दीफ्यूज़ का दस्ता होता है जो ये काम करता है और हर बम सिर्फ एक ही तरीके से डिफ्यूज नहीं होता है.
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8.सिस्टम हैक करना
आज कल फिल्मों में हीरो या उसका दोस्त लैपटॉप में कुछ टाइपिंग करता है और सारा सिस्टम हैक कर लेता है. किसी भी सिस्टम को हैक करना कोई बच्चों का खेल नहीं है कि कुछ टाइप किया सिस्टम हैक हो गया. किसी भी सिस्टम को हैक करने में एक हफ्ते का या कभी एक महीने का समय भी लग जाता है.
9.एक फोन करने दो
आप ने ये कई फिल्मों में देखा होगा कि जब पुलिस किसी हीरो को गिरफ्तार करती है और उसे कई दिनों तक उसे जेल में डाले रखती है और उसे एक फोन भी नहीं करने देते लेकिन क्या आपको पता है कि कानून आपको ये अधिकार देता है कि आप गिरफ्तार होने पर भी एक फोन कर सकते हैं.
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