गुरुवार, 9 मार्च 2017

प्याज लेहसुन अनुसंधान निदेशालय

मुख्य पृष्ठसमाचारपरामर्शबीज की आपुर्तीनिविदाJobsआर.एफ.डी.संपकॅ करेस्वच्छ भारतअधिकार-पत्रसंपर्क English (United Kingdom) हमें जानें निदेशालय के बारे में संगठन – रुपरेखा ए.आय.एन.आर.पी.ओ.जी. आय.एस.ए. कर्मचारी हमारे निदेशक समितियाँ सेबायें प्रशिक्षण परामर्श पुस्तकालय सुचना का अधिकार सर्तकता सुविधाऐ प्रयॉगशाला विशेष उपकरण अतिथि गृह संगॉष्ठी कक्ष शीत भंडारण Related Links http://www.icar.org.in/ http://www.fao.org/ http://www.nafed-india.com http://www.nhb.gov.in http://www.iht.edu.in आगंतुक पटल जलवायु एवं मिट्टी की आवश्यकता प्याज शीतोष्ण जलवायु की फसल है लेकिन इसे उपोष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय जलवायु में भी लगाया जा सकता है। हल्के मौसम में इसकी अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है जब न अत्यधिक गरमी या ठंड हो और न ही अत्यधिक वर्षा। वैसे, प्याज के पौधे मजबूत होते हैं और युवा अवस्था में ठंडे तापमान का भी सामना कर सकते हैं। भारत में लघु दिवस प्याज मैदानों में लगाया जाता है, जिसे 10-12 घंटे लंबे दिन की आवश्यकता होती है। दीर्घ दिवस प्याज को 13-14 घंटे प्रकाश दिन की आवश्यकता होती है और यह पहाड़ियों में उगाया जाता है। वनस्पति विकास के लिए, कम प्रकाश समय के साथ कम तापमान की आवश्यकता होती है, जबकि उच्च तापमान के साथ लंबा प्रकाश समय प्याज के विकास और परिपक्वता के लिए आवश्यक है। वनस्पति चरण और प्याज के विकास के लिए अनुकूलतम तापमान क्रमशः 13-24o सें. और 16-25o सें. है। इसकी अच्छी वृध्दि के लिए 70 सापेक्ष आर्द्रता की आवश्यकता होती है। जहाँ मानसून के दौरान अच्छे वितरण के साथ औसतन वार्षिक वर्षा 650-750 मि.मी. हो वहाँ प्याज की उपज अच्छी आती है। कम (<650 मीमी) या भारी (>750 मीमी) वर्षा के क्षेत्र इस फसल के लिए उपयुक्त नहीं है। मृदा प्याज सभी प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है जैसे कि रेतीली, दोमट, गाद दोमट और भारी मिट्टी। सफल प्याज की खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी दोमट और जलोढ़ हैं जिसमें जल निकासी प्रवृत्ती के साथ अच्छी नमी धारण क्षमता और पर्याप्त कार्बनिक पदार्थ हों। भारी मिट्टी में उत्पादित प्याज खराब हो सकते हैं। वैसे भारी मिट्टी पर भी प्याज सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है, अगर खेती के लिए क्षेत्र की तैयारी बहुत अच्छी हो और रोपन से पहले जैविक खाद का प्रयोग किया जाए। प्याज की फसल के लिए मृदा सामू इष्टतम 6.0 - 7.5 होना चाहिए, लेकिन प्याज हल्के क्षारीय मिट्टी में भी उगाया जा सकता है। प्याज की फसल अत्यधिक अम्लीय, क्षारीय और खारी मिट्टी और जल जमाव के लिए अधिक संवेदनशील है। प्याज 6.0 के नीचे सामू की मिट्टी में सूक्ष्म तत्व की कमी की वजह से या कभी-कभी ॲल्युमिनीयम या मैगनीज विषाक्तता होने के कारण कामयाब नहीं है। प्याज की फसल के लिए विद्युत चालकता संतृप्ति 4.0 डीएस/मी. है। जब यह इस स्तर से अधिक होती है तब फसल की उपज में गिरावट शुरु हो जाती है। LAST_UPDATED2 शॉघ गृह परियॉजनाऐ बाहय वित्तपॉषित परियॉजनाऐ सहयोग प्याज की विकसित किस्मे विकसित तकनीकी सफलता की कहानियां प्रकाशन Agropedia सूखे के लिए सलाह प्याज जलवायु एवं मिट्टी मौसम प्याज की किस्मे पौधशाला खेत की तैयारी रोपाई खाद खरपतवार प्रबंधन सिंचाई प्रबंधन फसल प्रणाली अंतर-वर्ती फसल कीट एवं रोग कटाई श्रेणीकरण भंडारण लहसुन प्रसंस्करण बीज उत्पादन प्राप्त करें समाचार पत्र वार्षिक प्रतिवेदन रोजगार व्हिजन २०५० प्रगतिशील किसान अंक-विवरन मौसम का विवरण This website belongs to ICAR - Directorate of Onion and Garlic Research, Indian Council of Agricultural Research, an autonomous organization under the Department of Agricultural Research and Education, Ministry of Agriculture, Government of India Contact | RTI | Disclaimer | Privacy Statement This website is designed by Sh. Shaikh H.C,Sr. Technical Officer, and Dr. S. Anandhan, Sr. Scientist, DOGR, Rajgurunagar

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें