मंगलवार, 4 अप्रैल 2017

कैसे और क्यों किया जाता है,नवरात्रि मे कन्या का पुजन

"कैसे और क्यों किया जाता है नवरात्रि में कन्या पूजन   नवरात्र पर्व के आठवें और नौवें दिन कन्या पूजन और उन्हें घर बुलाकर भोजन कराने का विधान होता है. दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन आखरी नवरात्रों में इन कन्याओ को नौ देवी स्वरुप मानकर इनका स्वागत किया जाता है | माना जाता है की इन कन्याओ को देवियों की तरह आदर सत्कार और भोज से माँ दुर्गा प्रसन्न हो जाती है और अपने भक्तो को सुख समृधि का वरदान दे जाती है | नवरात्र पर्व के दौरान कन्या पूजन का बडा महत्व है. नौ कन्याओं को नौ देवियों के प्रतिविंब के रूप में पूजने के बाद ही भक्त का नवरात्र व्रत पूरा होता है. अपने सामर्थ्य के अनुसार उन्हें भोग लगाकर दक्षिणा देने मात्र से ही मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों को उनका मनचाहा वरदान देती हैं. नवरात्रे के किस दिन करें कन्या पूजन : कुछ लोग नवमी के दिन भी कन्या पूजन और भोज रखते हैं और कुछ लोग अष्टमी के दिन | अष्टमी के दिन भी कन्या पूजन श्रेष्ठ रहता है | कन्या पूजन विधि जिन कन्याओ को भोज पर खाने के लिए बुलाना है , उन्हें एक दिन पहले ही न्योता दे दे |  अब इन कन्याओ को आरामदायक और स्वच्छ जगह बिठाकर इन सभी के पैरो को बारी बारी से अपने हाथो से उनके पैर धोने चाहिए और पैर छुकर आशीष लेना चाहिए | उसके बाद पैरो पर अक्षत, फूल और कुंकुम लगाना चाहिए | फिर माँ भगवती का ध्यान करके इन देवी रुपी कन्याओ को इच्छा अनुसार भोजन कराये | भोजन के बाद कन्याओ को अपने सामर्थ के अनुसार दक्षिणा दे , उपहार दे और उनके पुनः पैर छूकर आशीष ले | नवरात्र पर्व पर कन्या पूजन में कितनी हो कन्याओं की उम्र ? कन्याओं की आयु दो वर्ष से ऊपर तथा 10 वर्ष तक होनी चाहिए और इनकी संख्या कम से कम 9 तो होनी ही चाहिए | यदि 9 से ज्यादा कन्या भोज पर आ रही है तो कोई आपत्ति नहीं है | सिर्फ 9 दिन ही नहीं है यह कन्या देवियाँ : नवरात्रों में भारत में कन्याओ को देवी तुल्य मानकर पूजा जाता है | यह देवी तुल्य है | इनका सम्मान करना इन्हे आदर देना ही ईश्वर की पूजा के तुल्य है |" - कैसे और क्यों किया जाता है नवरात्रि में कन्या पूजन, जानने के लिए क्लिक करें http://tz.ucweb.com/4_iA0T

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