रविवार, 2 अप्रैल 2017

सोच

अपने मित्र अथवा शत्रु द्वारा व्यगं कटुता या,ब्यर्थ की गई बातो सेआपको चिन्तित न होकर उन शब्दों मे अच्छाई को ढुडने की कोशिश करना चाहिए,क्योकि उन शब्दों मे अवश्य ही अच्छे शब्द होते है |   @...T.n. chahudhary...@

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