अपने मित्र अथवा शत्रु द्वारा व्यगं कटुता या,ब्यर्थ की गई बातो सेआपको चिन्तित न होकर उन शब्दों मे अच्छाई को ढुडने की कोशिश करना चाहिए,क्योकि उन शब्दों मे अवश्य ही अच्छे शब्द होते है | @...T.n. chahudhary...@
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