रविवार, 2 अप्रैल 2017
RSS के पुर्व सद्स्य स्वामी असीमानंद हुए जेल से रिहा 2007 मक्का मस्जिद मे हुए विस्फोट मामले के आरोपी थे
"RSS के पूर्व सदस्य स्वामी असीमानंद हुए जेल से रिहा, 2007 में मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट मामले के थे आरोपी
Jansatta 1 Apr 2017 05:51 am
साल 2007 में मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट के मामले में आरोपी स्वामी असीमानंद को आज शाम चंचलगुड़ा केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया।
साल 2007 में मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट के मामले में आरोपी स्वामी असीमानंद को आज शाम चंचलगुड़ा केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया। (PTI)
साल 2007 में मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट के मामले में आरोपी स्वामी असीमानंद को आज शाम चंचलगुड़ा केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया। मेट्रोपॉलिटन सत्र अदालत ने असीमानंद और सह आरोपी भरत मोहनलाल रातेश्वर को 23 मार्च को जमानत दे दी थी। अदालत ने असीमानंद को उसकी अनुमति के बिना हैदराबाद से बाहर न जाने और जरूरत पड़ने पर सुनवाई के लिए उपस्थित होने का आदेश दिया। रातेश्वर को पिछले सप्ताह जेल से रिहा किया गया था। असीमानंद को 19 नवंबर 2010 को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया था। तेलंगाना सरकार ने कहा कि वह असीमानंद की जमानत रद्द कराने के लिए कदम उठाएगी। यहां स्थित मक्का मस्जिद में 18 मई 2007 को हुए विस्फोट में नौ व्यक्ति मारे गए थे। अभियोजन के अनुसार, इस घटना के पीछे एक हिंदू दक्षिणपंथी समूह का हाथ था। जयपुर की अदालत ने वर्ष 2007 के अजमेर बम विस्फोट मामले में असीमानंद को बरी कर दिया जिसके बाद मक्का मस्जिद मामले में असीमानंद को गिरफ्तार कर चंचलगुड़ा जेल में रखा गया था।
इससे पहले हैदराबाद की एक अदालत ने स्वामी असीमानंद को मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में स्वामी असीमानंद को जमानत दे दी थी। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार असीमानंद को गुरुवार (23 मार्च) को कोर्ट ने जमानत देने का आदेश दिया था और कहा था कि औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जेल से रिहा कर दिया जाएगा। कोर्ट ने असीमानंद को 50 हजार रुपये के दो मुचलके भरने को कहा था। साथ ही हैदराबाद से बाहर ना जाने का आदेश भी दिया है। उनके साथ ही एक अन्य संदिग्ध भारत भार्इ को भी जमानत दी थी। बता दें कि मक्का मस्जिद ब्लास्ट में 16 लोगों की जान गई थी। इनमें से नौ की मौके पर ही मौत हो गई थी। यह ब्लास्ट 18 मई 2007 को चारमीनार के पास हुआ था।
असीमानंद पर धमाके की साजिश रचने का आरोप है। वह पहले आरएसएस के सदस्य थे। मक्का मस्जिद मामले की जांच कर रही सीबीआई ने असीमानंद को नवंबर 2010 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया था। एनआईए की ओर से मई 2011 में चार्जशीट दायर की गई थी। इसके बाद से इस केस में जांच एजेंसी की ओर से कोई नया कदम नहीं उठाया गया है। असीमानंद ने पहले इस मामले में दक्षिणपंथी संगठनों के लोगों के शामिल होने की बात कबूली थी। हालांकि बाद में वे अपने बयान से पलट गए थे। असीमानंद का नाम अजमेर दरगाह ब्लास्ट में भी आया था लेकिन अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था। हालांकि समझौता एक्सप्रेस और मालेगांव धमाकों में वह अभी भी सह आरोपी हैं।
बता दें कि अजमेर दरगाह मामले में अदालत ने हाल ही में फैसला सुनाया है। इसमें भावेश जोशी और देवेंद्र गुप्ता को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 11 अक्टूबर 2007 को अजमेर की मशहूर सूफी ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के अहाता-ए-नूर के पास बम धमाका हुआ था। धमाके में 3 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 15 अन्य घायल हुए थे। जांच के बाद मालूम हुआ कि धमाके के लिए दरगाह में दो रिमोट बम प्लांट किए गए थे, लेकिन इनमें से एक ही फटा जिससे भारी जनहानि नहीं हुई। इस मामले के एक दोषी सुनील जोशी की मौत गई थी।" - 2007 में मक्का मस्जिद में हुए ब्लास्ट के आरोपी स्वामी असीमानंद हुए जेल से रिहा http://tz.ucweb.com/4_8EmX
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